नौशाद अहमद की रिपोर्ट

सूचना देने से कतरा रहे हैं जनसूचना अधिकारी

एक गांव की सूचना मांगे जाने पर वीडीओ द्वारा 13000 रुपए की मांग का हुआ है खुलासा

प्रतापगढ़- आरटीआई ऐक्ट 2005 की धज्जियां उड़ाने में जनसूचना अधिकारी बाज नहीं आ रहे हैं।ग्राम पंचायतों से जुड़ी हुईं सूचनाएं मांगने पर जनसूचना अधिकारी लंबी रकम की डिमांड कर रहे हैं।ऐसे में गांवों से जुड़ी जानकारी न मिलने से विकास कार्यों में पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आवेदक/ सामाजिक कार्यकर्ता शम्स तबरेज का कहना है कि बीते 25 जून 2018 को विकास खण्ड बाबा बेलखरनाथ धाम से ग्राम पंडरी ज़बर के विकास कार्यों से जुड़ी हुई जानकारी मांगने के लगभग 3 वर्ष बाद भी जानकारी नहीं मुहैया कराई गई। अपील दायर करने पर भी इन अधिकारियों पर किसी भी तरह का कोई फ़र्क नहीं पड़ा। आवेदक शम्स तबरेज ने आरटीआई के तहत ग्राम सभा पंडरी ज़बर में वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक मनरेगा योजनान्तर्गत के कराए गए सभी कार्यों की सूची एवं व्यव विवरण की प्रमाणित छायाप्रति,ग्राम की माप पुस्तिका की प्रमाणित छायाप्रति और उक्त ग्राम में कार्यों के बिल बाउचर प्रमाणित छायाप्रति की मांग की थी जो मुहैया ना कराए जाने पर आवेदक ने धारा 19(1) के तहत अपील दायर की तब जाकर ग्राम विकास अधिकारी रोमी सिंह द्वारा के पत्र जारी कर अभिलेख की छायप्रति का अनुमानित खर्च 13000 रुपए बता कर आवेदक से मांग की गई जो कि आवेदक शम्स तबरेज द्वारा बताया जा रहा है कि एक पेज का सरकारी मूल्य मात्र 2 रुपए है आवेदक से इतनी लंबी रकम मांग कर ब्लैकमेल किया जा रहा है। इससे यह प्रतीत होता है वीडीओ के साथ साथ ग्राम प्रधान और ब्लॉक के अन्य अधिकारी भी इस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं

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