सावधान! फेसबुक पर लाइक, कमेंट पहुंचा सकते हैं जेल

क्या कहता है आईटी कानून : आईटी कानून आईटी यानी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों के बीच होने वाली सूचना, जानकारी और आंकड़ों के आदान प्रदान पर लागू होता है। इसी कानून में एक धारा है 66 ए है, जिसमें झूठे और आपत्तिजनक संदेश भेजने पर सजा का प्रावधान है। इस धारा के तहत कम्प्यूटर और संचार उपकरणों से ऐसे संदेश भेजने की मनाही है, जिससे परेशानी, असुविधा, खतरा, विघ्न, अपमान, चोट, आपराधिक उकसावा, शत्रुता या दुर्भावना होती हो। इसका उल्लंघन करने पर तीन साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।

कमेंट करने से पहले बरतें ये सावधानियां : सोशल साइट्स पर किसी पोस्ट पर कमेंट या लाइक करने से पहले एक बार ध्यान से जरूर पढ़ लें। यदि कंटेट आपत्तिजनक है, तो उस पर कमेंट या लाइक बिल्कुल ना करें। अगर आपने ऐसी पोस्ट पर कमेंट या लाइक किया तो कंटेट पोस्ट करने वाले के साथ-साथ आपको भी आईटी एक्ट के तहत सजा हो सकती है।

कंटेंट से बढ़ सकती हैं मुश्किलें : सोशल साइट्स पर कंटेंट पोस्ट करने से पहले सोच-समझ लें। यदि आपका पोस्ट अश्लील, भड़काऊ, मानहानि करने वाला या किसी की छवि खराब करने वाला है या उससे किसी की प्राइवेसी भी भंग होती है, तो आप पर आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है। साम्प्रदायिक माहौल खराब करने वाला और अफवाह फैलाने वाला कंटेंट पोस्ट न करें। किसी का मजाक बनाना, फोटो से छेड़छाड़, अश्लील टिप्पणी से भी आप कानून के दायरे में फंस सकते हैं। ऐसा करने पर आपको आईटी एक्ट के तहत सजा हो सकती है। एक्ट की धारा 66ए के तहत तीन साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना हो सकता है।

बनाया फर्जी एकांउट तो : किसी अन्य व्यक्ति के नाम से एकाउंट बनाना और उसका फोटो इस्तेमाल करना कानूनी तौर पर गलत है। ऐसा करने पर आईटी एक्ट की धारा 66सी के तहत तीन साल की सजा हो सकती है। दूसरे व्यक्ति के एकांउट से छेड़छाड़, हैकिंग या फिर इस्तेमाल करने पर भी आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत सजा हो सकती है।

कमेंट से हो जाती है पहचान : अधिवक्ता निर्मल मिश्रा का कहना है कि फेसबुक पर अगर आप कमेंट करते हैं तो आपकी पहचान हर हाल में हो जाती है। किसी का ऑनलाइन शोषण, किसी की छवि खराब करना, साम्प्रदायिकता, पोर्नोग्राफी आदि या किसी गलत कंटेट पर लाइक और साइबर टेरेरिज्म का समर्थन आदि आपको मुसीबत में डाल सकता है। इसलिए सोशल मीडिया को सोशल ही रहने दें मनमानी का अड्डा न बनाएं।

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