लोकतंत्र की ताकत!
जिस ब्लॉक में पति हैं सफाईकर्मी, वहीं की ब्लॉक प्रमुख बनीं पत्नी सोनिया
नवनिर्वाचित ब्लॉक प्रमुख सोनिया ब्लॉक प्रमुख बनने के बाद खुश हैं, लेकिन वह यह भी बताना नहीं भूलतीं कि उनकी ब्लॉक प्रमुखी मात्र 5 साल के लिए है और पति की नौकरी 60 साल की.
सहारनपुर. सफाईकर्मी सुनील कुमार ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस बलियाखेड़ी ब्लाॅक क्षेत्र में वह रोज सफाई करते हैं, एक दिन उनकी धर्मपत्नी सोनिया वहीं की ब्लाॅक प्रमुख बन जाएंगी. बीए पास सामान्य गृहिणी सोनिया अब ब्लाॅक प्रमुख का दायित्व संभाल रही हैं. शायद यही लोकतंत्र की खूबसूरती भी है, जहां कतार के अंतिम व्यक्ति को भी नेतृत्व का अवसर मिलता है. यही लोकतांत्रिक व्यवस्था की कामयाबी है.
सुनील कई सालों से यूपी की सहारनपुर की बलियाखेड़ी ब्लॉक में सफाई कर्मचारी हैं. उनकी पत्नी सोनिया सामान्य गृहणी हैं. बीए पास पत्नी को सुनील ने बीडीसी का चुनाव लड़वा दिया. चुनाव जीतने के बाद ब्लॉक प्रमुख पद के लिए मारामारी शुरू हुई. तो बीजेपी को यहां आरक्षण के मुताबिक अनुसूचित जाति की शिक्षित महिला की तलाश थी. बीजेपी नेता मुकेश चौधरी ने बीडीसी सोनिया के नाम का प्रस्ताव दिया तो पार्टी में आम सहमति बन गई. अब सोनिया के पास बीजेपी का समर्थन था. रस्साकसी में विपक्षी एक-एक कर हटते गए और सोनिया को बलियाखेड़ी का निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख चुन लिया गया.
निर्विरोध चुनी गईं
गांव नल्हेडा गुर्जर निवासी सुनील कुमार विकासखंड बलियालखेड़ी में सफाई कर्मचारी के पद पर अपने ही गांव में कार्यरत हैं. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव घोषित हुए तो बीडीसी की सीट आरक्षण के चलते अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सुरक्षित हो गई. गांव वालों के कहने पर सुनील कुमार ने बीडीसी सदस्य के लिए अपनी पत्नी सोनिया को चुनाव लड़ाया, जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई. ब्लॉक प्रमुख पद भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ तो बीजेपी नेता व जिला पंचायत सदस्य मुकेश चौधरी ने पढ़ी लिखी सोनिया को बीजेपी की ओर से प्रमुख पद का प्रत्याशी बनवा दिया. नामांकन करने के साथ ही 26 वर्षीय सोनिया निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित हो गईं.
सफाईकर्मी की नौकरी नहीं छोड़ेंगे
ब्लॉक प्रमुख सोनिया कहती हैं कि चुनाव में पति सुनील कुमार व परिवार का सहयोग रहा है. उनका कहना है कि ब्लॉक प्रमुख के नाते वह गांवों के विकास के लिए काम करेंगी, लेकिन घर तो पति की तनख्वाह से ही चलता है. उनके पति ने भी निर्णय लिया है कि वह नौकरी करते रहेंगे. प्रमुखी तो पांच साल की है, लेकिन नौकरी पूरे 60 साल की.