नौशाद खान की रिपोर्ट

विकास की आस में सुख गयी अखियाँ ,प्रधान बदले, विधायक बदले,बी डी सी बदले पर नही बदली तो विकास की आस में सूखती अखियाँ:ग्राम पंचायत कसियांव

प्रदेश में जब से बी जे पी सरकार आयी थी,जनता में विकास की आस जगी थी,जगी थी उम्मीद की कुछ तो बदलाव होगा जब माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने गड्ढा मुक्त सड़क की बात की थी।

पर शायद समय के साथ सत्ता धारी अपनी ही बातों को भूल गए और जनता को विकास के नाम से सिर्फ खोखले वादे मिले।

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के रामनगर ब्लॉक में स्थित ग्राम पंचायत कसियांव कुछ ऐसी ही कहानी बयां कर रहा विकास का,

कहने के लिये तो सरकार ने कई योजना बनाई ग्रामीण विकास के लिए पर शायद मंत्रालय से चल कर ग्रामीण अंचल में पहुचने में ये योजनाएं नाकाम हो गयी।

इस गाँव मे न तो ढंग की सड़कें है और,न ही साफ सफाई की व्यवस्था ,और जो सड़के कभी गलती से बन भी गयी थी वो अपना अस्तित्व खोज रही।

ग्राम पंचायत कसियांव में एक सड़क जो कि स्वामी चिमयांनंद के समय निर्मित हुई थी वह सड़क अपनी अस्तित्व को खो चुकी वतर्मान के जिम्मेदार माननीय लोगो की आस लिए बैठी है ,चार पहिया वाहन से चलना तो दूर इस गड्ढे युक्त सड़क पर मोटरसाइकिल, और साइकिल से भी चलना दुस्वार है।

ग्राम पंचायत कसियांव में कहने के लिए तो ब्लॉक प्रमुख कोटे से भी एक सड़क पास हुई है जो शायद पेपर में ही सिमट के रह गयी,वतर्मान में कच्ची सड़क पर 1 किलोमीटर तक कीचड़ में चलने को मजबूर है ग्रामीण पर सड़क निर्माण की कोई आस दिखाई नही देता।

वही गाँव के चौरा माता मंदिर पर बरसात का पानी कई दिनों से एकत्रित है जो कि बीमारियों को निमंत्रण दे रहा,जहाँ एक तरफ सरकार युद्ध अस्तर पर कोविड 19 टीकाकरण करा रही ,जगह जगह लोगो को जागरूक कर रही ,ग्राम प्रधानों और ग्रामीण विकास अधिकारी को भी आवश्यक दिशानिर्देश दे रही पर इस ग्राम पंचायत में सभी बाते खोखली साबित होती है।महीनों से एकत्रित गंदे पानी मे माताओं बहनो को पूजा अर्चना करने जाना पड़ता है पर कोई ध्यान देने वाला नही ।

गाँव मे प्रधान ,बी डी सी कई बार बदले पर शायद किसी प्रधान को गाँव के विकास में दिलचस्पी नही सभी अपने चुनावी खर्चे की वसूली में लगे मालूम पड़ते है।

आलम तो यह है कि इस ग्राम पंचायत में अभी तक कोविड 19 के टीके तो दूर किसी प्रकार का सर्वे तक नही कराया गया ।

वर्तमान जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने सभी ग्राम प्रधानों को कोविड 19 के तीसरे वेव के बारे में सतर्क रहने के लिए कहा था पर शायद प्रधान उनकी बातों को गंभीरता से नही लिए अगर निष्पक्ष जांच हो तो यह गाँव करोड़ो रूपये के घोटालो को संजोए हुए है क्योंकि जब प्रदेश में सभी गावो के विकास हेतु पैसे सरकार से आये तो क्या इस गाँव मे नही आये होंगे ?
जब कोविड 19 से बचाव हेतु सेनेटाइजेसन हेतु निर्देश आये तो क्या यहा नही आये होंगे?

1450 वोटर का यह गाँव सिर्फ चुनाव में ही याद आता है,क्या कभी विधायक ने या विधायक प्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान दिया?

क्या किसी ग्रामीण विकास अधिकारी ने यह जानने की कोशिश की ग्राम पंचायत कसियांव में पंचायत भवन किस स्थिति में है?

ऐसे अनगिनत सवाल संजोए ग्राम पंचायत कसियांव एक उम्मीद की किरण ले जौनपुर जिलाधिकारी और मडियाहू उपजिलाधिकारी की ओर टकटकी लगाए देखता है।

क्या कभी यहाँ की भी सूरत बदलेगी?

क्या निस्पक्ष जांच हो सकती है यहाँ की?

Facebook Comments