लखनऊ। इन दिनों में धर्मांतरण मुस्लिम युवकों की गैर मुस्लिम युवतियों से शादी और तमाम मुद्दे खूब चर्चा में रहे। इन तमाम मुद्दों में उलझकर मुसलमान युवकों और युवतियों को भी तमाम तरह के विवाद और समस्याओं का सामना करना पड़ा इन बिंदुओं पर अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रेस रिलीज जारी कर मुसलमान धर्मगुरुओं और युवक युवतियों से एक अपील जारी की है

बोर्ड ने कहा है कि इस्लाम ने शादी के मामले में यह जरूरी करार दिया है कि एक मुस्लिम लड़की केवल एक मुस्लिम लड़के से ही शादी कर सकती है।इसी तरह एक मुस्लिम लड़का एक मुशरिक (बहुदेववादी) लड़की से शादी नहीं कर सकता।यदि उसने जाहिरी तौर पर शादी की रस्म अंजाम दी भी हैं तो शरीयत के अनुसार वैध नहीं होगी लेकिन अफसोस कि शिक्षण संस्थानों और नौकरी के अवसरों में पुरुषों और महिलाओं का साथ-साथ होना और दीनी (धार्मिक) शिक्षा से अपरिचित और माता-पिता की ओर से प्रशिक्षण की कमी के कारण अन्तर-धर्म शादियां हो रही हैं. कई घटनाएं ऐसी भी सामने आयीं कि मुस्लिम लड़कियां गैर-मुस्लिम लड़कों के साथ चली गईं और बाद में बड़ी कठिनाइयों से गुज़रना पड़ा यहां तक कि उन्हें अपने जीवन से भी हाथ धोना पड़ा।

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