राज्यसभा में सरकार का जवाब गृह मंत्रालय की ओर से दिया गया है जवाब गृह मंत्रालय ने राज्य सभा में लिखित जवाब दिया है आर्टिकल 370 हटने के बाद घाटी में किसी बाहरी ने जमीन नहीं खरीदी, जम्मू में सिर्फ 7 प्लॉट खरीदे गए

आपको बतातें चले कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 केंद्र सरकार ने हटा दिया था और उसके हटने के ढाई साल बाद भी कश्मीर घाटी में बाहरी लोगों ने अभी तक एक भी प्लाट नहीं खरीदा है। वहीं जम्मू क्षेत्र में भी सिर्फ 7 प्लाट ही खरीदे गए हैं। गृह मंत्रालय की तरफ यह जानकारी राज्यसभा में दी गई है।

वहीं पानीपत के पीपी कपूर द्वारा दायर एक RTI का जवाब देते हुए श्रीनगर जिला पुलिस मुख्यालय ने बताया कि आतंकियों ने पिछले तीन दशक में 1,724 लोगों की हत्या की है, जिनमें से 89 कश्मीरी पंडित और बाकी अन्य धर्मों के लोग हैं, जिनमें मुस्लिम भी शामिल हैं।

सिर्फ जम्मू में ही खरीदे गए हैं 7 प्लॉट
गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया- जम्मू कश्मीर सरकार ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक केंद्रशासित प्रदेश में अब तक कुल 7 प्लॉट ही खरीदे गए हैं। सारे के सारे 7 प्लॉट जम्मू में ही खरीदे गए हैं।

पीपी कपूर की RTI में यह भी बताया गया है कि 1,54,161 लोगों ने राज्य से पलायन किया है, जिसमें 1,35,426 यानी 88 प्रतिशत कश्मीरी पंडित और 12% अन्य धर्मों के लोग हैं। RTI में पलायन के बाद घर वापसी करने वाले कश्मीरी पंडितों और अन्य की संख्या नहीं बताई गई है।

उन्होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया- अब्दुल्ला
केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में संसद को बताया था कि 1990 से अब तक लगभग 3,800 प्रवासी कश्मीर लौटे थे। वहीं नवंबर में, नित्यानंद राय ने संसद को बताया कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने बाद से 1,678 प्रवासी लौटे थे।

पलायन करने वालों और लौटने वालों की संख्या के बीच के अंतर को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने किसी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा- आपको वोट बैंक मानने वालों ने बड़े-बड़े वादे किए थे। उन्होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया।

84 हजार को अब भी नहीं मिलती है सरकारी राहत
RTI में यह बात भी सामने आई है कि जिन लोगो ने पलायन किया था उनमें से लगभग 84 हजार को सरकारी राहत नहीं मिलती है। जिन लोगों को सरकारी सहायता मिली है, उनमें से लगभग 54 हजार हिंदू और लगभग 11 हजार मुसलमान हैं, बाकी सिख और अन्य समुदायों के हैं।

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