शादी और हनीमून को लेकर हर इंसान कुछ ज्यादा ही सोचता है. इन इवेंट्स को लेकर अच्छे ख्याल आना लाजमी भी है. बात जब हनीमून की होती है तो.. इस इवेंट के लिए कपल शादी के पहले से ही तैयारियों में लग जाते हैं. हनीमून के लिए एक हसीन डेस्टिनेशन का ख्वाब और ढेर सारा सेलिब्रेशन हर एक कपल का सपना होता है. लेकिन आज हम जिस कपल की बात कर रहे हैं उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था. हम बात कर रहें मलेशिया के एक कपल की. यह कपल शादी करते ही हनीमून के बजाय अगले दिन कब्रिस्तान पहुंच गया. इस कपल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. इसके पीछे की वजह आपको इस कपल की तारीफ करने से रोक नहीं पाएगी. कपल ने हनीमून के बजाय कब्रिस्तान में कोरोना से जान गंवाने वालों का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया. कपल के इस फैसले की हर कोई तारीफ कर रहा है.

हनीमून के बजाय दफनाए शव
‘सी मैशेबल डॉट कॉम’ के मुताबिक मुहम्मद रिदज़ुआन ओसमान (34) और नूर अफिफा हबीब (26) 12 दिसंबर को शादी के बंधन में बंधे. कपल ने किसी रोमांटिक जगह पर एक साथ समय बिताने के बजाय करोना मरीजों के शवों को दफनाने का फैसला किया.


शादी होते ही आई कॉल, पहुंच गए कब्रिस्तान
रिदज़ुआन कोरोना से मरने वालों के शवों को दफनाने के लिए काम करने वाले एनजीओ मुर्तधा के टीम लीडर हैं. उन्होंने बताया कि शादी के तुरंत बाद उन्हें एक कॉल आई और एक बुजुर्ग व्यक्ति को दफनाने में मदद करने के लिए कहा गया. जब इस कॉल के बारे में उन्होंने अपनी पत्नी को बताया तो वह बिल्कुल नहीं घबराईं और उनके साथ जाने के लिए भी तैयार हो गईं.


शव ले जाने वाली वैन में डेट
उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि मेरी पत्नी इस तरह के काम को समझती है, उसने मेरे और अन्य लोगों के साथ स्वेच्छा से कोरोना मरीज के शव को दफन करने में मदद की.’ रिदज़ुआन और अफीफा की प्रेम कहानी भी सबसे जुदा है. दोनों एक साल से एक-दूसरे को डेट कर रहे थे. इस दौरान दोनों शवों के अंतिम संस्कार में इस्तेमाल की जाने वाली वैन से एक बार डेट पर भी गए थे.

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