लखनऊ, जागरण संवाददाता : तपती दुपहरिया में भीषण गर्मी में श्रमिक न मिलने और थमे निर्माण कार्यों से कम हुई डिमांड ने सरिया के भाव में नरमी ला दी है। करीब 7,000 रुपये टन का अंतर आया है। वहीं छह डिजिट का आंकड़ा पार कर रहे बडे़ ब्रांड के दाम में भी चार से पांच हजार रुपये की गिरावट दर्ज की गई है।


फरवरी के अंतिम हफ्ते से इस्पात के भाव निरंतर रफ्तार बनाए हुए थे। रायपुर, रायगढ़ और गैलेंट आद‍ि लोकल ब्रांड अप्रैल महीने 82,000 हजार रुपये टन तक पहुंच गए थे। टाटा और ज‍िंंदल जैसे सर‍िया के बड़े ब्रांड छह ड‍िज‍िट का आंकड़ा पार कर चुके थे। करीब एक लाख रुपये टन तक इनके रेट पहुंच गए थे। 


क्‍या कहते हैं व्‍यापारी :
जबरदस्त गर्मी है। लेबर नहीं मिल पा रहे हैं। इससे भवन निर्माण के काम में कमी आई है। खपत कम होने से सरिया के भाव में बड़ा अंतर आया है। बीते माह से तुलना करें तो लोकल ब्रांड में करीब सात हजार रुपये टन की कमी आई है। और तो और छह डिजिट का आंकड़ा पार कर चुके नामी-गिरामी ब्रांड में भी चार से पांच हजार रुपये प्रति टन की गिरावट आई है।   -विशाल अग्रवा


गर्मी में भवन निर्माण के सभी आइटम डंप हैं चाहे वह बालू हो या फिर मौंरग, गिट्टी, ईंट आदि सभी चीजें नार्मल हैं। सरिया के भाव में लगातार कमी आ रही है। हालांकि 60,000 रुपये टन का आंकड़ा वापस लाने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा।    -श्याममूर्ति गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष उप्र. सीमेंट व्यापार संघ


सरिया के दाम (प्रति टन रुपये में) -फरवरी अंत -अप्रैल -मई माह के प्रथम हफ्ते में- दूसरे हफ्ते में
सरिया लोकल ब्रांड रायपुर, रायगढ़, गैलेंट -66,000 -82,000 -77,000 -74,000
नामी-गिरामी कंपनियों वाले ब्रांड- 70,000 -80,000 -98,000 से 1,00,000 -96,000

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