वाराणसी के ज्ञानवापी सर्वे के बाद कोर्ट ने जिला प्रशासन को आदेश दिया क‍ि जिस स्‍थान पर शिवलिंग मिला है उसे तुरंत सील कर दें। इसके थोड़ी देर बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक ट्वीट किया


ज्ञानवापी मस्जिद में तीन दिन और कुल 10 घंटे तक चले सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने सोमवार को ‘बाबा मिल गए’ का दावा किया और शिवलिंग के संरक्षण के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस पर वाराणसी कोर्ट ने डीएम को आदेश दिया कि जिस स्‍थान पर शिवलिंग प्राप्‍त हुआ है, उसे तत्‍काल सील कर दें। इस फैसले के थोड़ी देर बाद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का एक ट्वीट सामने आया। इसमें उन्‍होंने ज्ञानवापी मसले पर अपनी प्रतिक्रि‍या देते हुए इसे बाबरी मस्जिद मामले में दिसम्‍बर 1949 की पुनरावृति बताया।

ओवैसी ने लिखा कि यह 1991 के एक्‍ट का उल्‍लंघन है। मेरा यही अंदेशा था जो सच साबित हुआ। ज्ञानवापी मस्जिद थी और कयामत के दिन तक मस्जिद ही रहेगी। इसके पहले एक वीडियो पोस्‍ट में ओवैसी ने कहा कि जब मैं 19-20 साल का था तो बाबरी मस्जिद को मुझसे छीन लिया गया। अब हम आज के 19-20 साल के बच्‍चों के सामने एक और मस्जिद को नहीं खोएंगे।

उन्‍होंने लोगों से हाथ उठवाकर ‘मस्जिद नहीं खोएंगे’ का संकल्‍प दिलाया
उन्‍होंने कहा कि अब हम दोबारा इन्‍हें नहीं डंसने देंगे। ज्ञानवापी मस्जिद थी और जब तक अल्‍लाह दुनिया को कायम रखेंगे, मस्जिद ही रहेगी। इस वीडियो में उन्‍होंने लोगों को अपने मोहल्‍लों, गांवों की मस्जिदों को आबाद रखने का संकल्‍प दिलाया। इसके पहले ओवैसी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि बाबरी मस्जिद को लेकर भी इसी तरह शुरुआत की गई थी और आखिरकार उसे धोखे से मुसलमानों से छीन लिया गया। उन्‍होंने कहा था कि 1991 के पूजा स्थल कानून अंतिम है। उसका ही पालन होना चाहिए

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