Azam Khan: झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं…आजम खान की रिहाई पर किया ट्वीट और ट्रोल हो गए अखिलेश यादव
लंबे समय से यूपी के राजनीतिक गलियारों में आजम खान और अखिलेश यादव के बीच नाराजगी की खबरें तैर रही हैं। इस बीच, आजम खान दो साल से ज्यादा वक्त बिताने के बाद सीतापुर जेल से रिहा हो चुके हैं। इस मौके पर सपा का कोई बड़ा नेता उन्हें रिसीव करने जेल नहीं पहुंचा। अखिलश यादव ने ट्वीट कर जरूर आजम की रिहाई का स्वागत किया है। इस पर ट्विटर पर लोगों ने जमकर मजे लिए हैं।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी से नाखुश बताए जा रहे कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) दो साल से ज्यादा समय बिताने के बाद शुक्रवार सुबह सीतापुर जेल से रिहा हो गए।
उन्हें रिसीव करने प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) तो पहुंचे पर सपा का कोई बड़ा नेता नहीं नजर आया। हालांकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट कर जेल से रिहा होने पर आजम खान का स्वागत किया है। उन्होंने भरोसा जताया कि आजम जल्द ही सभी झूठे मुकदमों से बरी हो जाएंगे। अखिलेश के इस ट्वीट पर लोगों ने जमकर मजे लिए हैं
अपने ट्वीट में अखिलेश ने लिखा है- ‘सपा के वरिष्ठ नेता और विधायक आजम खान के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है। जमानत के इस फैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नये मानक दिये हैं। पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुकदमों में बाइज्जत बरी होंगे। झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं
उसके बाद सोसल मीडिया पर लोगो ने उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी
अखिलेश के ट्वीट पर आर्यन यदुवंशी नाम के यूजर ने लिखा है- ‘श्रीमान जी हम आपसे पूर्ण रूप से सहमत है किन्तु आपसे एक उम्मीद थी जब माननीय आज़म खान साहब सरकारी यातना से मुक्त होंगे और जेल से बाहर आएंगे तो आप पहले व्यक्ति होंगे जो खान साहब का स्वागत करेगा परंतु आपको राजनीति भी एसी कमरे से करनी है कम से कम नेताजी की विरासत को सही रूप से बढ़ाओ
काजी हम्माद ने लिखा है- ‘आप भी अब आराम करना अध्यक्ष जी। आपने जो संघर्ष किया सड़कों पर, उसकी थकावट अभी नहीं गई होंगी और पूरा देश और प्रदेश आपका शुक्रिया अदा करता है कि आपने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता और वो नेता जिसने आपके लिए और आपकी पार्टी के लिए इतना किया तो आपका इतना करना जरूरी
एक अन्य यूजर ने लिखा- ‘आजम खान साहब को लेने शिवपाल यादव सीतापुर जेल पहुंच गए, पर आप AC मे बैठ कर ट्वीट कर रहे है। आजम खान साहब से उनके घर मिल कर आइये वरना अपनी राजनीति खत्म ही समझिये