लड़की होने पर लोग मुझे धरती का बोझ समझते थे: डॉक्टर रोशन जहां शेख
मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. रोशन शेख निजी कार्यक्रम में शिरकत के लिए पहुंची थीं बेल्हा
प्रतापगढ़।आज दिनांक 20 मई 2023 को जनपद प्रतापगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता शम्स तबरेज के सदर बाज़ार स्थित आवास पर हिंदुस्तान की मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर डॉक्टर रोशन जहां शेख का आगमन हुआ।
डॉक्टर रोशन जहां ने कहा कि उड़ने के लिए पंख भले ही ना हों लेकिन हौसलों से भी उड़ान भरी जा सकती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया मुंबई की डॉक्टर रोशन जहां शेख ने। रोशन जब 16 साल की थीं तब उन्होंने एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैर गंवा दिए थे। लेकिन अपनी हिम्मत और हौसलों के बल पर उन्होंने जिंदगी की नई इबारत लिखी और आज भी लिख रही हैं।ट्रेन हादसे के शिकार के बाद इनके दोनों पैर काटने पड़े थे 3 महीने अस्पताल में रहे, 89 परसेंट हैंडीकैप,ऊपर से माली हालत घर की बिल्कुल ठीक नहीं थी लड़की होने पर लोग मुझे धरती का बोझ भी समझते थे और कहते थे कि लड़की जात हो मर क्यों नहीं जाती कभी-कभी मुझे लगता था कि मैं मर ही जाती तो ज्यादा अच्छा था लेकिन मेरे साथ हुए बरताव को देखते हुए मेरा सपना डॉक्टर बनने का हो गया था इसके लिए बॉम्बे हाईकोर्ट तक गई और जीती भी और आज मुंबई की एक मशहूर डॉक्टर बन चुकी हूं आगे बताती है कि मेरे पिता जी सब्जी का कारोबार करते थे ठेला लगाकर सब्जी बेचते थे मेरे पिता जी ने किसी तरह सपोर्ट कर के मुझे एमबीबीएस और एमडी की तालीम दिलाई। एमबीबीएस में मेरा दाखिला नहीं हो रहा था क्योंकि मैं 89% विकलांग हो चुकी थी क्योंकि एमबीबीएस के दाखिले के लिए 70% चाहिए होता है उसके लिए मुझे बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करना पड़ा और माननीय उच्च न्यायालय ने मेरे पक्ष में अपना फ़ैसला सुनाया तब जा कर हमारा एमबीबीएस में दाखिला हो पाया था फिर एमडी के लिए उसी मुसीबत का सामना करना पड़ा फिर उसके लिए मैं एक सांसद से मिली तो सांसद ने कहा कि आप परेशान न हों आपका दाखिला हो कर रहेगा उसके दूसरे दिन मेरे मोबाईल पर एक कॉल आई,कॉल करने वाले ने कहा कि आप रोशन जहां बोल रही हैं तब हमने कहा जी हां,तब उधर से आवाज़ आती है कि मैं सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा बोल रहा हूं,इतना सुनते ही मैं चौंक गई लेकिन जेपी नड्डा जी के हस्तक्षेप से मेरा दाखिला एमडी में हो गया और एमडी की पढ़ाई कम्लीट कर ली और आज मुंबई में गरीब, मजदूर और लाचार मरीजों की सेवा कर रही हूं जिससे मेरा हौसला दिन बदिन बढ़ता जा रहा है।
इस मौक़े पर नायब उल्ला, मुफ्ती शकील अहमद, प्रसिद्ध समाजसेवी शम्स तबरेज,शम्स परवेज़, रेहान, हंजला आदि उपस्थित रहे।