प्रतापगढ़ में रमजान का रोजा बड़ों के साथ-साथ मासूम बच्चे भी रख रहे हैं कई बच्चों की जिंदगी पहला रमज़ान मुबारक चल रहा बच्चों ने अल्लाह और उसके रसूल की रजा हासिल करने के लिए भूख और प्यास की शिद्दत बर्दाश्त कर रहे
पहला असरा खत्म हो गया अब दूसरा असरा का रोजा चल रहा दूसरे असरे में बड़ी संख्या में 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे रोजा रख रहे है परिवार वालों ने उनकी हौसलाअफजाई भी कर रहे है शाम को इफ्तार के वक्त बच्चों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही रोजा खोलते वक्त सभी ने अल्लाह से दुनिया भर में कौम और मुल्क में अमन की दुआ मांगी। क्षेत्र में ऐसे अनेक बच्चे हैं, जिनकी जिंदगी का यह पहला रमज़ान चल रहा है । सभी अपने अपने घर अपने क्षेत्र की मस्जिद में नमाज और कुरान की तिलावत कर रहे बाद में घर पर परिवार के साथ रोजा इफ्तार किया गया।

आतिफ खान 8 वर्ष पुत्र अब्दुल राशिद कलिना मुंबई
आतिफ 8 वर्ष ने अपने जिंदगी का पहला रोज़ा इस रमज़ान में रखा और वह बहुत खुश है कि उसको अल्लाह के लिए पहली बार रोजा रखने का मौका मिला वह रोजा रखने के साथ टाइम पर सभी नमाज अदा कर रहा है ।

6 वर्षीय वरिषा अपने अम्मी अब्बू के साथ सुबह सेहरी में उठ कर रोजा रखती नमाज पढ़ती वह पूरा रोजा रखना चाहती लेकिन घर वाले उम्र को देखते हुए अब उसे रोजा रखने से मना कर रहे जिससे वह गुस्सा भी हो जाती है लेकिन नमाज अदा कर रही है

अब्दुल कादिर ने रमजान में रोजा रख रहे है और अपने परिवार के साथ अफ्तार करते वह रोजा रख अल्लाह को खुश कर रहे है

9 वर्षीय उम्मी शीमरा ने भी इस पवित्र माह की शुरुआत रोजे के साथ की। बच्चों ने तेज धूप और गर्मी के बावजूद पूरे दिन रोजा रखा और घर में में नमाज भी अदा की

उन्होंने कहा कि रमजान में रोजा रखकर इबादत करने से इंसान खुद को अल्लाह के करीब महसूस करता है। इस पवित्र महीने में हम सभी मुस्लिम समुदाय के लोग ज्यादा से ज्यादा इबादत में मशगूल रहे रोज़ा रखे जिससे अल्लाह हम सब रहमत करे
रमजान का महीना रहमत और बरकत का होता है। इस दौरान रोजा हर बालिग मुस्लिम पर फर्ज है। यह सब्र का महीना है।