सिस्टम की लापरवाही ले गई ज़िंदगी
एक घंटे तक तड़पता रहा युवक, एंबुलेंस नहीं मिली, मेडिकल कॉलेज में मौत

प्रतापगढ़ | सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की एक और शर्मनाक बानगी सामने आई है। एक घायल युवक ने एंबुलेंस का एक घंटे तक इंतजार करते हुए मेडिकल कॉलेज प्रतापगढ़ में दम तोड़ दिया। अगर समय रहते एंबुलेंस मिल जाती, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।

हादसा और दर्दनाक मौत की पूरी कहानी

अमेठी जिले के रामगंज थाना क्षेत्र के अग्रेसर गांव निवासी सुशील कुमार शर्मा (24) मंगलवार को गांगपाटी (दिलीपपुर) में अपने रिश्तेदार के यहां आए थे। रात करीब 9 बजे वे अपनी नानी के घर रानीगंज के जामताली बाइक से जा रहे थे। दिलीपपुर के गोपालपुर गांव के पास सामने से आ रहे लोडर से उनकी जोरदार टक्कर हो गई।

मौके पर पहुंची पुलिस – मेडिकल कॉलेज में भर्ती

राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस पहुंची और घायल युवक को गांगपाटी के परिजनों की मदद से प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर बताई और तुरंत प्रयागराज रेफर कर दिया।

एंबुलेंस के लिए तड़पते रहे परिजन – सिस्टम रहा नाकाम

घायल युवक के परिजनों ने लगातार एंबुलेंस के लिए 108 और अन्य माध्यमों से संपर्क किया। हर बार जवाब मिला कि “कुंडा या प्रयागराज से एंबुलेंस आ रही है।” लेकिन एक घंटे के लंबे इंतजार में सुशील की सांसे थम गईं।

परिजनों ने किया हंगामा

युवक की मौत से गुस्साए परिजनों ने मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में हंगामा किया। अस्पताल के गार्डों ने किसी तरह माहौल को शांत कराया। देर रात तक परिजन शव के साथ मेडिकल कॉलेज में डटे रहे।

सवालों के घेरे में स्वास्थ्य व्यवस्था

क्या सिर्फ रेफर कर देने से अस्पताल की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है?

आखिर मेडिकल कॉलेज में तत्काल एंबुलेंस क्यों नहीं थी?

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने एक नौजवान की जान ले ली।

जनता का सवाल – कब सुधरेगा सिस्टम?

एक ज़िंदगी तड़प-तड़प कर खत्म हो गई, लेकिन सिस्टम सिर्फ फ़ॉर्मेलिटी निभाता रहा। यह घटना न सिर्फ प्रतापगढ़, बल्कि पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाती है। अब देखना ये है कि प्रशासन इस पर क्या जवाब देता है, या हमेशा की तरह फिर एक मौत फाइलों में दब कर रह जाएगी।

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