प्रतापगढ़ जिला न्यायालय में बिजली गुल, लिफ्ट में फंसे अधिवक्ता व वादकारी — अफरा-तफरी का माहौल, 30 मिनट तक रुकी रही न्यायिक प्रक्रिया
 प्रतापगढ़ | रिपोर्ट: रुबरु इंडिया न्यूज़

गुरुवार दोपहर प्रतापगढ़ जनपद के जिला सत्र न्यायालय परिसर में अचानक उस समय अफरा-तफरी मच गई जब दोपहर लगभग 2:30 बजे बिजली अचानक चली गई। कोर्ट परिसर में चल रही न्यायिक कार्यवाही बाधित हो गई और अधिवक्ता, वादकारी व कोर्ट स्टाफ परेशान हो उठे।

सबसे गंभीर स्थिति तब उत्पन्न हुई जब बिजली बंद होने के दौरान कुछ अधिवक्ता और वादकारी लिफ्ट में फंस गए। जैसे ही यह जानकारी कोर्ट परिसर में फैली, वहां मौजूद लोग चिंतित हो उठे। आनन-फानन में प्रयास कर लिफ्ट में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जिससे राहत की सांस ली गई।

बिजली व्यवस्था के बैकअप के लिए मौजूद जेनरेटर को चालू करने का प्रयास किया गया, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण जेनरेटर स्टार्ट नहीं हो सका। बताया गया कि जनरेटर की मरम्मत के लिए तत्काल मिस्त्री को बुलाने की बात चल रही थी।

न्यायालय में बैकअप के लिए जनरेटर ख़राब बनाने का प्रयास करते कर्मचारी

भीषण गर्मी के बीच बिजली गुल हो जाने से कोर्ट रूम में मौजूद अधिकारी, वकील और वादकारी बाहर निकल आए। गर्मी और उमस के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

करीब 25 से 30 मिनट की मशक्कत और इंतजार के बाद बिजली पुनः बहाल हुई, जिससे न्यायिक कार्यों में दोबारा गति आई और सभी ने राहत की सांस ली।

 यह घटना एक बार फिर जिला न्यायालय की बुनियादी सुविधाओं और बैकअप सिस्टम की तैयारियों पर सवाल खड़ा करती है।

अधिवक्ता मोहम्मद सायमन ने कहा

“हम लोग लिफ्ट में जैसे ही ऊपर जा रहे थे, अचानक लाइट चली गई और लिफ्ट बीच में ही रुक गई। अंदर काफी घुटन हो रही थी, कुछ वादकारी भी हमारे साथ थे। कुछ देर के लिए तो सब घबरा गए। मोबाइल नेटवर्क भी कमजोर था। कर्मचारियों की मदद से बाहर निकाला गया।”

अधिवक्ता राजेश यादव ने कहा

“कोर्ट जैसी संवेदनशील जगह पर बिजली गुल होना और जनरेटर का न चलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सिर्फ असुविधा नहीं, बल्कि सुरक्षा का भी मामला है। लिफ्ट में लोग फंसे, कोर्ट रूम खाली हो गए। अगर लाइट देर से आती, तो कोई हादसा भी हो सकता था।”

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