भैंस के चलते थमी जनता एक्सप्रेस: दो घंटे बाधित रहा लखनऊ-वाराणसी रेलमार्ग, कई ट्रेनें लेट, एक किमी तक घसीटती गई भैंस
रिपोर्ट: रुस्तम अली
प्रतापगढ़ | 29 जुलाई 2025
लखनऊ-वाराणसी रेल मार्ग पर मंगलवार सुबह एक विचलित कर देने वाली घटना ने रेल यातायात को घंटों ठप कर दिया। पृथ्वीगंज और रानीगंज के बीच खतनपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास सुबह करीब 10 बजे वाराणसी से लखनऊ जा रही जनता एक्सप्रेस एक भैंस से टकरा गई। यह भैंस ट्रेन के आगे अचानक आ गई, जिससे वह इंजन में फंस गई और लगभग एक किलोमीटर तक घिसटती चली गई।

ट्रेन चालक ने तुरंत सूझबूझ दिखाते हुए आपात ब्रेक लगाकर गाड़ी रोकी और स्थिति की जानकारी स्टेशन मास्टर को दी। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू कर फंसी भैंस को निकाला गया, लेकिन तब तक वह गंभीर रूप से घायल हो चुकी थी और उसके पेट से उसका मृत बछड़ा बाहर आ चुका था। हादसे में साथ चल रही एक छोटी पाड़िया (भैंस का बच्चा) भी गंभीर रूप से घायल हो गई है, जिसका एक पैर कट चुका है, और वह घटनास्थल पर तड़पती मिली।
इस घटना के चलते जनता एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रेलवे प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। पुलिस ग्रामीणों से भैंस के मालिक की पहचान में जुटी है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, पशुओं का खुले में रेल ट्रैक पर आना एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है, जिससे न केवल जानवरों की जान जा रही है, बल्कि रेल संचालन भी प्रभावित हो रहा है। समय रहते यदि पालतू पशुओं को खुला न छोड़ा जाए, तो ऐसी घटनाएं दोहराई जा सकती हैं।
बिंदु रूप में मुख्य घटनाक्रम:
सुबह 10 बजे खतनपुर के पास हादसा
भैंस ट्रेन से कटकर इंजन में फंसी
लगभग 1 किमी तक घसीटती गई
2 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला
भैंस गर्भवती थी, बछड़ा बाहर निकलने से मौत
एक पाड़िया का पैर कटा, घायल अवस्था में तड़प रही
जनता एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें लेट
पुलिस और रेलवे जांच में जुटे
सवाल उठता है कि आखिर पालतू पशु ट्रैक पर कैसे पहुंचे? कौन जिम्मेदार है इस लापरवाही का? क्या ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
यह घटना न सिर्फ रेलवे प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि पशु मालिकों के लिए भी बड़ा सबक है। यदि समय रहते सावधानी न बरती जाए, तो ऐसी घटनाएं कभी भी बड़े हादसे का रूप ले सकती हैं।






