भीषण सड़क हादसा: लखनऊ-वाराणसी हाइवे पर टेंपो व आर्टिका की टक्कर में एक की मौत, आठ गंभीर घायल
— बभनमई चौराहे पर चीख-पुकार से दहल उठा इलाका, घायल बचाओ-बचाओ की गुहार लगाते रहे, पुलिस पर लापरवाही का आरोप

प्रतापगढ़ रानीगंज । मंगलवार की सुबह लखनऊ-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित बभनमई चौराहे पर एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसने न सिर्फ मौके पर मौजूद लोगों को झकझोर कर रख दिया, बल्कि कई परिवारों को ग़म के अंधेरे में भी डाल दिया। एक ओवरटेक की कोशिश ने एक व्यक्ति की जान ले ली, जबकि आठ अन्य जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार,शामकरीब 4 बजे के आसपास तेज रफ्तार आर्टिका कार और सवारी टेंपो के बीच आमने-सामने जबरदस्त भिड़ंत हो गई। भिड़ंत इतनी तेज थी कि टेंपो में बैठे यात्री एक साथ सड़क पर गिर पड़े और घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। चारों ओर चीख-पुकार सुनाई देने लगी।सभी राज्यमार्ग पर तड़पते दिखे तो स्थानीय लोग मदद को आगे आए और पुलिस को सूचना दिए

मृतक की पहचान, परिवार में कोहराम

हादसे में रोहखुर्द कला, थाना फतनपुर निवासी उमाशंकर (57 वर्ष) पुत्र माताफेर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। घटना की सूचना जब मृतक के घर पहुंची तो परिवार में कोहराम मच गया। वृद्ध माता-पिता और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है।

घायलों में महिलाएं व बच्चे भी शामिल

घायलों की सूची में कई महिलाएं, पुरुष और एक बच्चा शामिल हैं।

कविता सरोज, पत्नी राकेश सरोज, निवासी जगतपुर सौरांव, प्रयागराज, अपने 9 वर्षीय बेटे अभिषेक के साथ मायके बरहदा (रानीगंज) जा रही थीं। हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।

नीलम शुक्ला, निवासी केशवपुर जयरामपुर,

रामनारायण प्रजापति, निवासी दादूपुर,

साइन जहां,पूजा शर्मा,गंगा प्रसाद,लल्लू, समेत कुल आठ लोगों की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।

घायलों को पहले ट्रामा सेन्टर  लाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण सभी को जिला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।

घटना स्थल पर पहुंचे सीओ रानीगंज

मदद को दौड़े आम लोग, सूचना के बाद पहुंचा प्रशासन

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के बाद चारों ओर चीख-पुकार मच गई थी। टेंपो में बैठे यात्री ‘बचाइए-बचाइए’ चिल्ला रहे थे, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई त्वरित सहायता नहीं मिली। पुलिस और एंबुलेंस हादसे के बाद मौके पर पहुंचीं। इस बीच स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों ने घायलों की मदद कर मानवता की मिसाल पेश की।

एक दुकानदार कलाम ने बताया, “हमने घायलों को जैसे-तैसे गाड़ियों से अस्पताल पहुंचाया। अगर देरी होती तो और भी जानें जा सकती थीं।”

हादसे के पीछे तेज रफ्तार और लापरवाही मानी जा रही

स्थानीय लोगों के अनुसार, आर्टिका कार चालक तेज गति से गाड़ी चलाते हुए ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था, तभी यह दुर्घटना हो गई। टेंपो में करीब एक दर्जन लोग सवार थे, जिनमें से अधिकतर रानीगंज, फतनपुर और प्रयागराज जिले के ग्रामीण क्षेत्र के निवासी थे।

पुलिस ने शुरू की जांच, जिम्मेदार तय करने की प्रक्रिया

अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र लाल ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया, “एक व्यक्ति की मौत और आठ गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सभी का इलाज मेडिकल कॉलेज में जारी है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

सवालों के घेरे में व्यवस्था

इस हादसे ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्री सुरक्षित हैं? क्या तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग पर कोई लगाम लगेगी? और सबसे बड़ा सवाल, क्या आपात स्थिति में त्वरित मदद का कोई प्रभावी इंतजाम मौजूद है?

घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि तेज रफ्तार और लापरवाही का कोई विकल्प नहीं। प्रशासन और परिवहन विभाग को चाहिए कि वह ऐसी घटनाओं से सबक लेकर सड़कों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें। वरना, हाइवे दुर्घटनाएं यूं ही जिंदगी लीलती रहेंगी।

सीओ रानीगंज विनय प्रभाकर साहनी”हादसा बहुत दुखद है। हमारी टीम मौके पर पहुंची थी। घायलों को तत्काल अस्पताल भेजवाया गया। जांच की जा रही है कि लापरवाही किसकी थी — जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।”

️ मृतक को श्रद्धांजलि, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना
 रिपोर्ट — संवाददाता, रानीगंज/प्रतापगढ़

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