झारखंड का मोस्टवांटेड गैंगस्टर प्रयागराज में ढेर, STF से भीषण मुठभेड़, AK-47 से बरपाया था कहर
प्रयागराज | ब्यूरो रिपोर्ट। झारखंड पुलिस को लंबे समय से जिसकी तलाश थी, उसका अंत उत्तर प्रदेश की धरती पर हो गया। प्रयागराज के शंकरगढ़ इलाके में सोमवार रात उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने झारखंड के कुख्यात अपराधी और चार लाख के इनामी आशीष रंजन सिंह उर्फ छोटू धनबादिया को मुठभेड़ में मार गिराया।
छोटू धनबादिया झारखंड के धनबाद में कई हत्याओं, रंगदारी, गोलीबारी और संगठित अपराध के मामलों में वांछित था। STF के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान उसने AK-47 से अंधाधुंध फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे ढेर कर दिया।

सुरक्षा एजेंसियों को मिली थी बड़ी जानकारी
STF को खुफिया सूचना मिली थी कि छोटू अपने एक सहयोगी के साथ प्रयागराज में किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। वह मध्यप्रदेश की सीमा से होते हुए प्रयागराज के शंकरगढ़ क्षेत्र में प्रवेश कर चुका था। सूचना मिलते ही STF प्रयागराज यूनिट के प्रभारी इंस्पेक्टर जयप्रकाश राय के नेतृत्व में टीम ने शिवराजपुर-प्रतापपुर मार्ग पर सघन घेराबंदी की।
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10 मिनट तक चला ऑपरेशन, 46 राउंड फायरिंग
STF की घेराबंदी के दौरान मुखबिर ने टॉर्च की रोशनी में छोटू को पहचान लिया। जब टीम ने उसे रुकने का इशारा किया, तो वह भागने की कोशिश करने लगा। कुछ ही दूरी पर उसकी बाइक फिसल गई, और गिरते ही उसने बैग से AK-47 निकालकर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।
करीब 10 मिनट तक चली मुठभेड़ में कुल 46 राउंड गोलियां चलीं, जिसमें से 16 राउंड STF की तरफ से फायर किए गए। जवाबी कार्रवाई में छोटू को गोली लगी और वह घायल अवस्था में गिर पड़ा। उसे तत्काल एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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बरामद हुए हथियार।मुठभेड़ के बाद मौके से एक AK-47 राइफल, एक पिस्टल और 9MM के कई जिंदा कारतूस बरामद हुए। प्राथमिक जांच में पता चला है कि छोटू इन हथियारों के साथ प्रयागराज में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में था।
अपराध की लंबी फेहरिस्त छोटू धनबादिया झारखंड के धनबाद जिले का निवासी था और पहले अमन सिंह गैंग का प्रमुख शूटर रहा है। उस पर अमन सिंह सहित पांच हत्याओं, रंगदारी, गैंगवार, धमकी और फायरिंग जैसे गंभीर आरोप थे। STF सूत्रों के मुताबिक, अमन सिंह के जेल जाने के बाद छोटू ने खुद की गैंग बना ली थी और अमन के प्रभाव को खत्म करने की नीयत से जेल में ही उसकी हत्या करवा दी थी।
इस सनसनीखेज हत्या की जिम्मेदारी छोटू ने खुद ली थी और एक ऑडियो क्लिप जारी करके अमन की हत्या का श्रेय लिया था। इस क्लिप ने झारखंड में गैंगवार को नई दिशा दी थी और छोटू को अपराध जगत का खौफनाक चेहरा बना दिया था।
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️ STF की कार्रवाई को मिली सराहना
झारखंड और उत्तर प्रदेश की पुलिस के लिए सिरदर्द बने इस शातिर अपराधी को ढेर करने पर STF की प्रशंसा हो रही है। ऑपरेशन में शामिल अधिकारियों का कहना है कि छोटू पूरी तरह से प्रशिक्षित और बेहद खतरनाक अपराधी था, जो बिना झिझक पुलिस पर हमला करता था।
मुठभेड़ के दौरान इंस्पेक्टर जयप्रकाश राय सहित STF के कई जवानों की जान बाल-बाल बची। एक गोली इंस्पेक्टर राय के सिर के पास से निकल गई, लेकिन दल के साहस और संयम से यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
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️ बयान: STF इंस्पेक्टर जयप्रकाश राय
> “हमें जानकारी मिली थी कि छोटू प्रयागराज में दाखिल हुआ है। हमने तुरंत घेराबंदी की। वह AK-47 से लैस था और पुलिस पर जानलेवा हमला कर रहा था। हमारी टीम ने संयम और रणनीति से जवाब दिया। आखिरकार कानून का हाथ उस तक पहुंचा।”
अब आगे क्या छोटू की मौत के बाद झारखंड पुलिस को राहत मिली है, लेकिन जांच एजेंसियां अब यह भी पता लगा रही हैं कि प्रयागराज में उसका नेटवर्क कहां तक फैला था और उसके साथ आए दूसरे सहयोगी की पहचान क्या है। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
मारा गया: आशीष रंजन सिंह उर्फ छोटू धनबादिया
इनाम: ₹4 लाख
मुठभेड़ स्थल: शंकरगढ़, प्रयागराज
हथियार: AK-47, पिस्टल, 9MM कारतूस
गिरफ्तारी से पहले केस: हत्या, रंगदारी, जेल हत्याकांड
टीम लीड: STF इंस्पेक्टर जेपी राय
यह कार्रवाई न सिर्फ अपराधियों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि आम जनता के लिए यह संदेश भी कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और जुर्म की कहानी का अंत निश्चित है।