मुंबई से प्रतापगढ़ निवासी युवक की STF द्वारा गुप्त गिरफ्तारी, परिवार ने जताई फर्जी एनकाउंटर की आशंका

मुंबई/प्रतापगढ़
मुंबई के कुर्ला स्थित कसाईवाड़ा इलाके में गुरुवार भोर करीब 3:00 बजे उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक गुप्त ऑपरेशन के तहत शहरेयार पुत्र इबरार अली, निवासी बाहरपुर, थाना मान्धाता, जनपद प्रतापगढ़ को गिरफ्तार कर लिया। स्थानीय लोगों द्वारा मिली जानकारी व घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज से इस गिरफ्तारी की पुष्टि हुई है, जिसमें देखा गया कि गिरफ्तारी बेहद गोपनीय तरीके से अंधेरे में अंजाम दी गई।

गौरतलब है कि इस गिरफ्तारी की कोई आधिकारिक सूचना न तो शहरेयार के परिजनों को दी गई और न ही उसे किसी स्थानीय पुलिस थाने में प्रस्तुत किया गया। परिजन इसे कानून प्रक्रिया की अवहेलना मानते हुए बेहद चिंतित हैं। उनका कहना है कि वे स्वयं उसे न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए प्रयासरत थे ताकि वह कानून के अनुसार न्याय पा सके।

परिजनों का आरोप है कि इस प्रकार की गुप्त और अचानक गिरफ्तारी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) और अनुच्छेद 22 (गिरफ्तारी के समय अधिकार) का सीधा उल्लंघन है। उनका यह भी कहना है कि पूर्व में प्रतापगढ़ पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ों के गंभीर आरोप लगते रहे हैं, जिसके चलते उन्हें शहरेयार की जान को खतरे की आशंका है।

परिजनों की मांग:शहरेयार को अविलंब न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाए, उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उसे उचित कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाए। परिवार ने इस विषय में मानवाधिकार आयोग और उच्च न्यायालय से भी हस्तक्षेप की मांग की है।

न्याय और संविधान सर्वोपरि:यह मामला न सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी से जुड़ा है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या लोकतंत्र में पुलिस कार्रवाई संविधान और कानून से ऊपर हो सकती है? पारदर्शिता, जवाबदेही और कानून का राज ही लोकतंत्र की आत्मा है – और इस आत्मा की रक्षा करना हर संस्थान का कर्तव्य है।

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