1. “अंधेरे में जनता, मैदान में लाइनमैन… अफसर लापता”
2. “85 गांव अंधेरे में, लाइनमैन ने दी रोशनी… अफसर बेपरवाह”
3. “जनता परेशान, अफसर गायब… लाइनमैन बने हीरो”
4. “अंधेरे में गांव, मैदान में सिपाही… अफसर नींद में”
5. “लापरवाह अफसर फरार… लाइनमैन ने लौटाई खुशी”
6. “जनता में उबाल, अफसर बेखबर… लाइनमैन ने जीत ली जंग”
7. “रोशनी लाई लाइनमैन की मेहनत… अफसरों की खुली पोल”
बेपरवाह अफसर गायब… लाइनमैनों ने 40 घंटे के अंधेरे में लौटा दी रोशनी
प्रतापगढ़ (रानीगंज)।रानीगंज पावर हाउस के लच्छीपुर–रामनगर फीडर की 40 घंटे की बिजली गुली ने 85 गांवों की ज़िंदगी अंधेरे में डुबो दी। मगर जब जिम्मेदार अफसरों से उम्मीद की गई, तो उन्होंने जनता के दर्द से मुंह मोड़ लिया—मोबाइल बंद कर फरार हो गए।
ऐसे में असली ज़िम्मेदारी निभाई पावर हाउस के बहादुर लाइनमैनों ने, जिन्होंने रात 1 बजे तक जान जोखिम में डालकर बिजली बहाल की।
तूफान से टूटी लाइन, अफसरों का पसीना भी न निकला
बुधवार शाम तेज़ हवाओं में देल्हूपुर–रानीगंज मार्ग पर पेड़ गिरा, जिसने आधा दर्जन पोल चकनाचूर कर दिए। इसके बाद लच्छीपुर–रामनगर फीडर से जुड़े 85 गांवों की सप्लाई ठप हो गई।
गुरुवार दिनभर काम कछुए की चाल चला, शाम 4 बजे तक अफसर मौके से ऐसे गायब हुए कि मानो ज़मीन निगल गई या आसमान उठा ले गया।
मोबाइल बंद कर सो गए जेई — जनता में फूटा गुस्सा
बार-बार कॉल करने के बावजूद जेई ने फोन नहीं उठाया। अंत में उनका मोबाइल बंद मिला।
इस पर शुक्रवार रात गुस्साए ग्रामीण पावर हाउस पहुंच गए, हंगामा किया और अन्य फीडरों की सप्लाई बंद कर अधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे।
सूचना पाकर रानीगंज थाना प्रभारी प्रभात कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और बड़ी मशक्कत के बाद भीड़ को शांत कराया।
धीरज पाण्डेय, विपिन पांडे, गोली… ये हैं असली हीरो
जब अफसर बेपरवाह और लापता थे, तब लाइनमैन धीरज पाण्डेय, विपिन पांडे, गोली और उनके साथियों ने मैदान संभाला।
रात 1 बजे तक लगातार टूटे पोल ठीक करना, तार जोड़ना और अंधेरे में काम करना आसान नहीं था, लेकिन इन जाबांज़ों ने हार नहीं मानी।
40 घंटे के संघर्ष के बाद गांवों में जब रोशनी लौटी, तो लोगों ने एक स्वर में कहा—“सलाम है इन लाइनमैनों को”।
जनता का सीधा सवाल — ऐसे अफसर क्यों रखें?
ग्रामीणों ने कहा, “जब संकट आता है, तो अफसर मोबाइल बंद कर भाग जाते हैं, और जब काम होता है, तो उसका श्रेय लेने आगे आ जाते हैं।”
लोगों ने बेपरवाह और गैर-जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है, ताकि अगली बार संकट की घड़ी में जनता को फिर धोखा न मिले।