पेड़ की डाल गिरने से महिला की दर्दनाक मौत, राखी का पर्व मातम में बदला

प्रतापगढ़। रक्षाबंधन के दिन खुशियों से भरा एक परिवार अचानक मातम में डूब गया, जब मानिकपुर थाना क्षेत्र के पूरेधनऊ गांव की 40 वर्षीय संगीता शुक्ला की एक दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। संगीता रविवार को अपने मायके कौशांबी जिले के मंझनपुर लोटिया गई थीं, जहां उन्होंने राखी का त्योहार भाई के साथ मनाया। लेकिन इसी दौरान वापसी में एक अप्रत्याशित घटना ने उनकी जिंदगी छीन ली।

रविवार दोपहर करीब दो बजे संगीता अपने भाई मूलचंद्र के साथ बाइक से ससुराल लौट रही थीं। रास्ते में जैसे ही उनकी बाइक बेंती के पास पहुंची, अचानक ऊपर से एक पेड़ की भारी डाल गिर पड़ी। डाल सीधा संगीता के ऊपर आकर गिरी, जिससे बाइक अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई। हादसे की चपेट में आने से संगीता गंभीर रूप से घायल हो गईं।

ग्रामीणों के मुताबिक हादसा इतना अचानक हुआ कि बचाव का कोई मौका ही नहीं मिला। पेड़ की डाल सीधा सिर पर लगने से संगीता को गहरी चोटें आईं और वह मौके पर ही अचेत होकर गिर पड़ीं। भाई मूलचंद्र ने घबराकर ग्रामीणों की मदद से तुरंत उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कुंडा पहुंचाया। लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद संगीता को मृत घोषित कर दिया।

जैसे ही हादसे की सूचना परिजन और गांव के लोग अस्पताल पहुंचे, वहां कोहराम मच गया। रक्षाबंधन जैसे पारिवारिक पर्व पर बहन की मौत ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। परिजनों के रोने-बिलखने से अस्पताल का माहौल भी गमगीन हो गया।

सूचना पाकर मानिकपुर थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अधिकारियों का कहना है कि यह पूरी तरह से दुर्घटना का मामला है।

ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में कई पुराने और जर्जर पेड़ हैं, जिनकी डालियां कभी भी टूटकर गिर सकती हैं। बरसात और तेज हवाओं के दौरान इनसे हादसे का खतरा और बढ़ जाता है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे पेड़ों की समय-समय पर छंटाई और निगरानी हो, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को इस तरह की पीड़ा न झेलनी पड़े।

संगीता शुक्ला की मौत से पूरेधनऊ गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों का कहना है कि वह मिलनसार और शांत स्वभाव की महिला थीं। उनके असमय चले जाने से न केवल परिवार बल्कि पूरा गांव शोकाकुल है।

राखी जैसे पावन पर्व पर हुआ यह हादसा इस बात की याद दिलाता है कि कभी-कभी छोटी सी लापरवाही या प्राकृतिक घटनाएं भी जिंदगी को पल भर में बदल सकती हैं। जहां एक ओर लोग भाई-बहन के रिश्ते का उत्सव मना रहे थे, वहीं दूसरी ओर मूलचंद्र अपनी बहन के पार्थिव शरीर को देख फूट-फूट कर रो रहे थे।

यह घटना पूरे क्षेत्र के लिए चेतावनी भी है कि प्राकृतिक जोखिमों से बचाव के लिए सजगता और समय रहते सावधानी बेहद जरूरी है। संगीता की मौत ने राखी की खुशियों को मातम में बदल दिया और परिवार के साथ-साथ पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया।

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