जमीनी विवाद और प्रधानी चुनाव की रंजिश में अधिवक्ता सहित चार लोग पीटे गए, महिला भी घायल
प्रतापगढ़। रानीगंज थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव में सोमवार को जमीनी विवाद और ग्राम प्रधानी चुनाव की पुरानी रंजिश ने हिंसक रूप ले लिया। गांव के दो पक्षों के बीच कहासुनी से शुरू हुआ मामला देखते ही देखते मारपीट में बदल गया। इस दौरान अधिवक्ता सहित चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, वहीं एक वृद्ध महिला को भी चोटें आईं। घटना से पूरे गांव में तनाव का माहौल है।

चुनावी रंजिश बनी विवाद की बड़ी वजह
जानकारी के मुताबिक शाहपुर गांव निवासी ज्ञानचंद गौतम (33) रानीगंज तहसील में अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस करते हैं। उनका अपने ही पड़ोसी विजय कुमार से लंबे समय से जमीनी विवाद चल रहा है। विजय कुमार वर्तमान में ग्राम प्रधान हैं। बताया जाता है कि पिछले ग्राम प्रधानी चुनाव में दोनों पक्ष आमने-सामने थे। चुनावी मुकाबले में विजय कुमार का पक्ष विजयी हुआ जबकि गौतम परिवार को हार का सामना करना पड़ा। तभी से दोनों परिवारों के बीच आपसी तनातनी लगातार बनी हुई है।
गांव के लोगों के अनुसार चुनावी हार-जीत के बाद से ही दोनों पक्षों के बीच छोटी-छोटी बातों पर कहासुनी होती रहती थी, लेकिन सोमवार को मामला इस कदर बिगड़ा कि हिंसक झगड़े में तब्दील हो गया।
दिनभर हुआ विवाद, शाम को हमला
बताया जा रहा है कि सोमवार दिन में दोनों पक्षों के बीच जमीनी मसले को लेकर बहस हुई थी। उस दौरान आसपास के लोगों ने बीच-बचाव कर किसी तरह मामला शांत कराया। लेकिन शाम करीब 6 बजे जब अधिवक्ता ज्ञानचंद गौतम थाने में तहरीर देकर अपने घर लौटे, तो आरोप है कि प्रधान पक्ष के लोग एक राय होकर पहले से घात लगाए बैठे थे। जैसे ही ज्ञानचंद घर पहुंचे, प्रधान विजय कुमार के समर्थकों ने अचानक हमला कर दिया।
हमले में अधिवक्ता ज्ञानचंद गौतम (33), हरीशचंद्र गौतम (38), लालचंद गौतम (40) पुत्र सहदेव और भगवती देवी (60) पत्नी सहदेव बुरी तरह से घायल हो गए। अचानक हुए हमले से पूरे गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल
स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दी। सूचना मिलते ही डायल 112 पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घायलों को रानीगंज ट्रॉमा सेंटर भेजवाया। जहां डॉक्टरों ने सभी का इलाज शुरू किया। प्राथमिक जानकारी के अनुसार सभी घायलों को चोटें आई हैं, हालांकि फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
पुलिस बोली – मामूली चोटें, जांच जारी
रानीगंज थाना प्रभारी प्रभात कुमार सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना जमीनी विवाद और चुनावी रंजिश का नतीजा है। पुलिस ने बताया कि घायलों को मामूली चोटें आई हैं और मामले की जांच की जा रही है। थाना प्रभारी ने यह भी कहा कि तहरीर अभी नहीं मिली तहरीर मिलने के बाद उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस गांव में लगातार निगरानी कर रही है। ट्रामा सेन्टर से सभी चले गए पुलिस को अभी तक तहरीर नहीं मिली
गांव में तनाव, ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानी चुनाव के समय से ही दोनों परिवारों में कहासुनी और विवाद की स्थिति बनी हुई थी। कई बार पंचायत और गांव के बुजुर्गों ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश भी की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
गांव के लोगों का आरोप है कि प्रधान पक्ष का दबदबा काफी समय से बना हुआ है और कई बार उन्होंने विरोधियों पर दबाव बनाने की कोशिश की है। इस घटना को भी उसी सिलसिले का हिस्सा बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस का कहना है कि किसी भी पक्ष को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।
क्या है आगे की कार्रवाई
फिलहाल घायलों का इलाज रानीगंज ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है। पुलिस ने दोनों पक्षों से पूछताछ शुरू कर दी है और मौके पर शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है। थानेदार का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना एक बार फिर इस बात को उजागर करती है कि ग्रामीण इलाकों में चुनावी राजनीति और जमीनी विवाद किस तरह सामाजिक तनाव और हिंसा का कारण बनते हैं। शाहपुर गांव की यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है बल्कि यह भी दिखाती है कि आपसी रंजिश किस हद तक खतरनाक हो सकती है। अब देखना होगा कि पुलिस की कार्रवाई कितनी सख्त और निष्पक्ष होती है तथा पीड़ित पक्ष को न्याय मिलता है या नहीं।