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✍️ रिपोर्ट: रुस्तम अली, प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ में अधिवक्ता पर जानलेवा हमला: पिस्टल जाम होने से बची जान, सीसीटीवी फुटेज से खुला राज
प्रतापगढ़।शहर में गुरुवार की शाम उस समय सनसनी फैल गई जब नगर कोतवाली क्षेत्र के जोगापुर मोहल्ले में नकाबपोश बदमाशों ने एक अधिवक्ता पर जानलेवा हमला कर दिया। बदमाशों ने न केवल अधिवक्ता को रोककर पिस्टल दिखाते हुए मारपीट की, बल्कि कनपटी पर सटाकर गोली चलाने का प्रयास भी किया। गनीमत रही कि पिस्टल जाम हो गई और अधिवक्ता की जान बच गई। घटना इतनी भयावह थी कि इसे देखने वाले लोग सहम गए। पूरा मामला पास के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
घटना का सिलसिला: घर लौटते समय हुआ हमला
जानकारी के अनुसार, अधिवक्ता सर्वजीत सिंह रोज की तरह गुरुवार की शाम कचहरी से लौटकर अपने घर जा रहे थे। जैसे ही वे जोगापुर मोहल्ले की गली में अपने घर के करीब पहुंचे, तभी अचानक बाइक सवार दो नकाबपोश बदमाशों ने उन्हें रोक लिया। बदमाशों ने पहले पिस्टल दिखाकर उन्हें डराया और फिर लात-घूंसों से मारपीट शुरू कर दी।
जब सर्वजीत सिंह ने भागने की कोशिश की तो एक बदमाश ने पिस्टल उनकी कनपटी पर सटाकर ट्रिगर दबाया। लेकिन किस्मत ने साथ दिया—पिस्टल जाम हो गई और गोली नहीं चली। इसी बीच शोर सुनकर मोहल्ले के लोग दौड़े तो बदमाश वहां से फरार हो गए।
सीसीटीवी फुटेज में पूरी वारदात कैद

घटना पास के एक मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि अधिवक्ता अपनी जान बचाने के लिए भागते हैं, सड़क पर गिरते हैं और तभी एक नकाबपोश बदमाश उन पर पिस्टल तानता है। लेकिन ट्रिगर दबाने पर भी गोली नहीं चलती।
इस वीडियो में अधिवक्ता का डर और हमलावरों की साजिश साफ दिखाई देती है। यही फुटेज अब पुलिस जांच का अहम आधार बना है।
इलाके में दहशत, अधिवक्ताओं का आक्रोश
हमले की खबर जैसे ही फैली, पूरे इलाके में दहशत फैल गई। आसपास के लोग सहमे रहे कि अगर पिस्टल से गोली चल जाती तो एक अधिवक्ता की सड़क पर सरेआम हत्या हो सकती थी।
घटना की जानकारी मिलते ही शहर के कई अधिवक्ता मौके पर पहुंचे और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। उनका कहना था कि जब अधिवक्ता जैसी जिम्मेदार पेशे से जुड़े लोगों की सुरक्षा नहीं है तो आम आदमी कैसे सुरक्षित रहेगा। अधिवक्ताओं ने कड़ी कार्रवाई और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
पुलिस की कार्रवाई और अधिकारियों का बयान
घटना की सूचना पाकर सीओ सिटी प्रशांत राज हुड्डा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और सीसीटीवी फुटेज खंगालने का आदेश दिया।
सीओ सिटी ने बताया –
> “कचहरी से लौटते समय अधिवक्ता पर फायरिंग की कोशिश की गई थी, लेकिन हथियार जाम हो गया। अधिवक्ता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”
फिलहाल पुलिस ने आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जुटाना शुरू कर दिया है। बदमाशों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए सर्विलांस सेल भी लगाया गया है।
अधिवक्ता समाज में रोष: “अब सड़कों पर भी सुरक्षित नहीं”
इस घटना के बाद अधिवक्ता समाज में आक्रोश है। वकीलों का कहना है कि अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे दिन-दहाड़े सड़क पर अधिवक्ता को गोली मारने की कोशिश कर रहे हैं। अगर पिस्टल जाम न होती तो शायद एक बड़ी वारदात हो जाती।
शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश ने कहा –
> “यह केवल एक अधिवक्ता पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र पर हमला है। अगर ऐसे हमलावर तुरंत गिरफ्तार न हुए तो अधिवक्ता समाज सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होगा।”
लोगों में सवाल: आखिर क्यों निशाना बने अधिवक्ता?
स्थानीय लोगों के बीच चर्चा है कि अधिवक्ता को निशाना बनाने के पीछे क्या वजह रही होगी। क्या यह किसी पुराने केस से जुड़ा विवाद है? या फिर जमीन-जायदाद और आपसी रंजिश का मामला? पुलिस फिलहाल सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।
कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल
प्रतापगढ़ शहर में बीते कुछ महीनों में लगातार अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं। कभी लूट, कभी हत्या, कभी सड़क पर गोलीकांड—इन सबने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिवक्ता पर हमले के बाद लोगों ने कहा कि पुलिस गश्त और सुरक्षा व्यवस्था केवल कागजों पर है।
एक स्थानीय निवासी का कहा –
> “अगर वकील पर खुलेआम हमला हो सकता है तो आम आदमी की सुरक्षा की कल्पना कीजिए। पुलिस को केवल जांच नहीं, बल्कि अपराधियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए।”
घटना का असर: शहर में खौफ, प्रशासन पर दबाव
शहर में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग इसे न्याय व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती मान रहे हैं। प्रशासन पर अब दबाव है कि जल्द से जल्द बदमाशों को पकड़कर कड़ी कार्रवाई करे।
जोगापुर मोहल्ले में अधिवक्ता पर हुआ यह हमला प्रतापगढ़ की कानून-व्यवस्था की हकीकत को उजागर करता है। पिस्टल जाम होना अधिवक्ता के लिए जिंदगी का सबसे बड़ा सौभाग्य साबित हुआ, वरना सड़क पर खून की होली खेली जाती। इस घटना से न केवल अधिवक्ता समाज बल्कि आम नागरिक भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन इस घटना को कितनी गंभीरता से लेता है और कितनी जल्दी अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाता है।