प्रतापगढ़ में किसान की संदिग्ध मौत – परिवार का आरोप, पुलिस की पिटाई से गई जान; जांच की मांग तेज
प्रतापगढ़ जनपद के मानिकपुर थाना क्षेत्र के गोतनी गांव में सोमवार को एक दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। गांव के 52 वर्षीय किसान भैयालाल सोनकर का शव कछार के पास संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने एक लड़की के भागने के मामले में पूछताछ के दौरान भैयालाल की पिटाई की थी, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना के बाद गांव में आक्रोश फैल गया है और न्याय की मांग तेज हो गई है।
खेत में रखवाली करता था भैयालाल
भैयालाल सोनकर, गोतनी गांव का मेहनतकश किसान, रोज की तरह रविवार को अपने खेत पर सब्जियों की रखवाली कर रहा था। परिवार के अनुसार, वह सीधा-साधा और गांव में शांत स्वभाव का व्यक्ति था। उसकी पूरी आजीविका खेती और मजदूरी पर ही निर्भर थी। लेकिन रविवार की शाम कुछ ऐसा हुआ, जिसने परिवार की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया।
पुलिस पूछताछ और पिटाई का आरोप
परिजनों का कहना है कि गांव में एक लड़की के भागने की घटना के बाद पुलिस अरुण निषाद नामक युवक की तलाश कर रही थी। किसी ने पुलिस को सूचना दी कि अरुण, भैयालाल के छप्पर में आकर छिपता है। इसी आधार पर रविवार को पुलिस भैयालाल के खेत पर पहुंची और उससे पूछताछ की।
परिवार का आरोप है कि पूछताछ के दौरान भैयालाल के साथ मारपीट की गई। पिटाई के बाद वह मानसिक रूप से बेहद डर गया था और अगले दिन जब पुलिस दोबारा गांव आई, तो भैयालाल कछार में छिप गया।

लाश मिलने से मचा कोहराम
सोमवार सुबह भैयालाल का फोन नहीं उठा तो परिजन चिंतित हो गए। वे कछार में पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए। खेत के पास सरपंत में भैयालाल का शव पड़ा हुआ था। परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, लेकिन इस दौरान गांव में गुस्से का माहौल फैल गया।
भैयालाल के चार बच्चे – अनुराग (32), सरिता (33), अंकित (26) और कमल (23) – सदमे में हैं। पत्नी छाया सोनकर का रो-रोकर बुरा हाल है। अंकित की अभी शादी भी नहीं हुई थी और परिवार का मुख्य सहारा पिता ही थे।
पुलिस ने आरोपों को नकारा
घटना के बाद पुलिस ने परिजनों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भैयालाल की मौत का पुलिस की कार्रवाई से कोई संबंध नहीं है। पुलिस का कहना है कि वे गंगा में डूबे एक युवक का शव खोजने में व्यस्त थे और आरोप केवल अफवाह पर आधारित हैं।
मानिकपुर थाना पुलिस ने बताया कि मृतक के परिवार की शिकायत पर मामले की जांच की जाएगी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय होगी।
परिवार की पीड़ा
मृतक की पत्नी छाया सोनकर का कहना है –
“मेरे पति को मारा। वह डर के मारे घर नहीं आया। हम लोग उसे खाना देने जा रहे थे। परसों तक वह जिंदा था, लेकिन कल उसकी लाश मिली।”
बेटे अनुराग ने कहा –
“हमारी सिर्फ यही मांग है कि पिता की मौत की असली वजह सामने आए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी नजर
भैयालाल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। डॉक्टरों की टीम ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि मौत का कारण चोट, हार्ट अटैक या कुछ और था। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।पिछले कुछ महीनों में प्रतापगढ़ जनपद में संदिग्ध मौतों और पुलिस पर लगे आरोपों के कई मामले सामने आए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में पारदर्शी जांच और जवाबदेही तय करना जरूरी है, ताकि गरीब परिवारों को न्याय मिल सके।
परिजनों की मांग – पारदर्शी जांच
परिवार ने जांच की मांग की है। उनका कहना है कि स्थानीय स्तर पर निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। वहीं, गांव के लोगों ने भी कहा कि जांच पूरी पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए और दोषियों को बख्शा न जाए।
भैयालाल सोनकर की मौत ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह मौत प्राकृतिक थी या पुलिसिया दबाव का नतीजा? यह सवाल अभी अनुत्तरित है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के नतीजे पर ही सच सामने आएगा। लेकिन एक गरीब किसान की मौत ने उसके परिवार को हमेशा के लिए गहरे दुख में धकेल दिया है।