(प्रतापगढ़, 4 नवम्बर 2025, जिला सूचना कार्यालय से)

उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2026 की तैयारियां अब पूरी रफ्तार पकड़ चुकी हैं। राज्य निर्वाचन आयोग, लखनऊ ने पंचायत चुनाव से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए सभी पदों के लिए नाम निर्देशन पत्रों का मूल्य, जमानत धनराशि और अधिकतम व्यय सीमा तय कर दी है।

इस संबंध में प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पंचायत चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्येक प्रत्याशी को अब निर्धारित नियमों और सीमाओं के अनुसार ही नामांकन और प्रचार-प्रसार करना होगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि आयोग का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और समान अवसर वाला बनाना है। इसी क्रम में सभी पदों के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित की गई हैं ताकि हर वर्ग के उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके और चुनावी खर्च पर अंकुश लगाया जा सके।

सदस्य ग्राम पंचायत

सदस्य ग्राम पंचायत पद के लिए नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 200 रुपये तथा जमानत राशि 800 रुपये तय की गई है।
अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला उम्मीदवारों के लिए नामांकन शुल्क 100 रुपये और जमानत धनराशि 400 रुपये होगी।
इस पद के लिए आयोग ने अधिकतम व्यय सीमा 10,000 रुपये निर्धारित की है।

यह सीमा ग्रामीण स्तर पर छोटे स्तर की चुनावी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए रखी गई है ताकि उम्मीदवार अत्यधिक खर्च से बचें और चुनाव शुद्ध तरीके से सम्पन्न हो सके।

प्रधान ग्राम पंचायत

प्रधान पद के लिए अब नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 600 रुपये और जमानत राशि 3,000 रुपये होगी।
आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह राशि क्रमशः 300 रुपये और 1,500 रुपये तय की गई है।
प्रधान पद के उम्मीदवार अधिकतम 1.25 लाख रुपये तक का खर्च कर सकेंगे।

यह सीमा ग्रामीण स्तर पर प्रचार सामग्री, जनसंपर्क और सभा आयोजन जैसे खर्चों को ध्यान में रखकर निर्धारित की गई है।

सदस्य क्षेत्र पंचायत

सदस्य क्षेत्र पंचायत के लिए नामांकन पत्र की कीमत 600 रुपये और जमानत राशि 3,000 रुपये रखी गई है।
वहीं आरक्षित वर्ग (एससी, एसटी, ओबीसी, महिला) के लिए शुल्क 300 रुपये और जमानत राशि 1,500 रुपये तय की गई है।
इस पद के लिए अधिकतम व्यय सीमा 1 लाख रुपये होगी।

आयोग का कहना है कि क्षेत्र पंचायत स्तर पर जनसंपर्क का दायरा ग्राम पंचायत से अधिक होता है, इसलिए खर्च सीमा भी उसी के अनुरूप तय की गई है।

सदस्य जिला पंचायत

सदस्य जिला पंचायत पद के लिए नाम निर्देशन पत्र की कीमत 1,000 रुपये और जमानत राशि 8,000 रुपये रखी गई है।
अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला प्रत्याशियों के लिए नामांकन शुल्क 500 रुपये और जमानत राशि 4,000 रुपये होगी।
इस पद के उम्मीदवार अधिकतम 2.50 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे।

यह सीमा जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार, बैठकें और जनसंपर्क कार्यक्रमों को देखते हुए तय की गई है।

प्रमुख क्षेत्र पंचायत

प्रमुख क्षेत्र पंचायत पद के लिए नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 2,000 रुपये और जमानत राशि 10,000 रुपये तय की गई है।
आरक्षित वर्ग के प्रत्याशियों के लिए यह राशि 1,000 रुपये और 5,000 रुपये होगी।
इस पद के उम्मीदवारों को अधिकतम 3.50 लाख रुपये तक खर्च की अनुमति होगी।

यह सीमा बड़े क्षेत्र में प्रचार अभियान और विभिन्न पंचायतों में होने वाले कार्यक्रमों के खर्च को संतुलित रखने के उद्देश्य से निर्धारित की गई है।

अध्यक्ष जिला पंचायत

अध्यक्ष जिला पंचायत पद के लिए नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 3,000 रुपये और जमानत धनराशि 25,000 रुपये रखी गई है।
अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं महिला प्रत्याशियों के लिए नामांकन शुल्क 1,500 रुपये और जमानत धनराशि 12,500 रुपये तय की गई है।
इस पद के प्रत्याशी अधिकतम 7 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे।

आयोग का कहना है कि यह सीमा जिला स्तर पर प्रचार, रैलियों, वाहनों, प्रचार सामग्री और जनसंपर्क अभियानों में संतुलन लाने के लिए है।

पारदर्शिता पर जोर राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि नामांकन पत्र केवल निर्धारित मूल्य पर ही उपलब्ध कराए जाएंगे, किसी भी प्रकार की अतिरिक्त या मनमानी दरें स्वीकार नहीं की जाएंगी।
साथ ही उम्मीदवारों को जमानत राशि सीधे संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को ही जमा करनी होगी। किसी अन्य माध्यम से जमा की गई राशि मान्य नहीं होगी।

जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने कहा कि आयोग का पूरा ध्यान इस बार स्वच्छ, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया पर है। उन्होंने सभी ब्लॉक विकास अधिकारियों और पंचायत सचिवों को निर्देश दिए हैं कि नामांकन की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता या पक्षपात न हो।आयोग की अपील

आयोग की अपील निर्वाचन आयोग ने सभी संभावित उम्मीदवारों और उनके समर्थकों से अपील की है कि वे आचार संहिता और निर्धारित व्यय सीमा का कड़ाई से पालन करें।
किसी भी प्रकार का अनुचित खर्च, प्रलोभन या दबाव डालने की स्थिति में आयोग सख्त कार्रवाई करेगा।

प्रतापगढ़ जिले में भी पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि मतदान केंद्रों की सूची का पुनरीक्षण, मतदाता सूची का अद्यतन और प्रशिक्षण कार्यक्रम तेजी से चल रहे हैं।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जिले में शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में मतदान सम्पन्न कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

इस तरह, राज्य निर्वाचन आयोग की इस नई गाइडलाइन से पंचायत चुनावों में पारदर्शिता और समानता को बल मिलेगा।
आगामी पंचायत चुनाव में अब हर उम्मीदवार को अपने प्रचार और व्यय को नियमानुसार सीमित रखना होगा — ताकि लोकतंत्र का यह सबसे निचला लेकिन सबसे महत्वपूर्ण चुनाव ईमानदारी और सादगी के साथ सम्पन्न हो सके।

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