लूटी गई ज्वेलरी की बरामदगी कराने के दौरान हुई मुठभेड़, कई सवालों ने खड़े किए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

प्रतापगढ़। जनपद के रानीगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार दोपहर पुलिस और लूट के एक आरोपी के बीच मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में आरोपी के पैर में गोली लगी है। घायल आरोपी को पुलिस ने तुरंत रानीगंज ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया, जहां से उसे प्राथमिक उपचार के बाद जिला मेडिकल कॉलेज प्रतापगढ़ रेफर कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार, बीते दिनों रानीगंज क्षेत्र के भागवतगंज के पास दिनदहाड़े एक महिला से मंगलसूत्र छीनने की घटना हुई थी। घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था। एसपी के निर्देश पर क्षेत्राधिकारी रानीगंज विनय प्रभाकर साहनी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया था। टीम ने मंगलवार को इसी प्रकरण में शहरे गुलज़ार (25 वर्ष) पुत्र मोहम्मद अली निवासी यहीयापुर थाना दिलीपपुर को गिरफ्तार किया।

पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि लूटा गया मंगलसूत्र उसने चंडीगोविंदपुर गांव के पास छुपाया है। पुलिस जब उसे बरामदगी के लिए मौके पर लेकर पहुंची, तभी आरोपी ने मौका पाकर भागने की कोशिश की। बताया गया कि उसने अपने पास छुपाया गया एक अवैध तमंचा निकालकर पुलिस टीम पर फायर झोंक दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायर किया, जिसमें आरोपी के पैर में गोली लगी। पुलिस ने घायल बदमाश को मौके से पकड़ लिया और तुरंत अस्पताल ले गई।

पुलिस का कहना है कि बरामदगी के दौरान हुई इस मुठभेड़ में लूटी गई ज्वेलरी भी बरामद कर ली गई है। आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास और अवैध हथियार रखने समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

मौके पर क्षेत्राधिकारी रानीगंज विनय प्रभाकर साहनी स्वयं मौजूद रहे और पूरी कार्रवाई का पर्यवेक्षण किया। पुलिस ने घटनास्थल से एक देशी तमंचा, जिंदा कारतूस और खोखा भी बरामद किया है।

हालांकि, घटना के बाद क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। कई लोगों का कहना है कि आरोपी पहले से पुलिस की हिरासत में था, ऐसे में बरामदगी के दौरान उसके पास से तमंचा निकलना और फायरिंग करना सवाल खड़े करता है। क्या आरोपी वास्तव में भागने की कोशिश कर रहा था, या फिर पुलिस किसी अन्य सच्चाई को छुपाने की कोशिश कर रही है — यह अब जांच का विषय बन गया है।

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, जिस जगह मुठभेड़ हुई, वह सुनसान इलाका है। वहां आसपास के ग्रामीणों ने गोली चलने की आवाज जरूर सुनी, लेकिन पूरे घटनाक्रम को किसी ने अपनी आंखों से नहीं देखा। इससे घटना पर संदेह और गहराता जा रहा है।

इस बीच, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूरी घटना निष्पक्ष है और इसमें किसी भी तरह की मनगढ़ंत कहानी नहीं है। सीओ रानीगंज ने बताया कि घायल बदमाश का आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है। फिलहाल, पुलिस ने पूरे इलाके की नाकेबंदी कर दी है और घटना की विवेचना की जा रही है।

घटना के बाद से रानीगंज में पुलिस की भूमिका और विश्वसनीयता को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। कुछ लोग पुलिस की तत्परता की तारीफ कर रहे हैं, तो वहीं कई सवाल उठा रहे हैं कि “क्या रानीगंज पुलिस इतनी कमजोर हो गई है कि आरोपी पुलिस हिरासत में ही भागकर गोली चला देता है, या फिर कहीं कोई सच्चाई दबाई जा रही है?”

अब देखने वाली बात होगी कि इस मुठभेड़ की जांच में क्या सामने आता है और क्या पुलिस इस पर उठ रहे सवालों के जवाब दे पाती है या नहीं।

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