कानपुर में बंद कमरे में चार युवकों की मौत, जलते कोयले की धुआं से दम घुटने की आशंका — पुलिस जांच जारी
कानपुर के औद्योगिक क्षेत्र पनकी में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। यहां स्थित डी-58, साइड नंबर-2 इंडस्ट्रियल एरिया की एक ऑयल सीड्स कंपनी के बंद कमरे से चार युवकों के शव बरामद हुए। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था और भीतर जलता हुआ कोयला मिला, जिससे प्राथमिक जांच में दम घुटने से मौत की आशंका जताई जा रही है। मौके पर पहुंचे पुलिस और फोरेंसिक विशेषज्ञों ने पूरे कमरे को सुरक्षित कर सील कर दिया है। घटना स्थल के बाहर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
सुबह करीब 6 बजे कंपनी के कर्मचारियों ने जब देखा कि चारों युवक कमरे से बाहर नहीं आए, तो उन्होंने आवाज देकर बुलाने की कोशिश की। कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर कर्मचारियों ने प्रबंधन को सूचना दी। इसके बाद दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर का दृश्य देखकर सभी दंग रह गए। कमरे में चारों युवक बेसुध पड़े हुए थे और पास में एक तसले में आधा जला हुआ कोयला मिला। कमरे में धुएं की तीखी गंध भर गई थी।
मृतकों की पहचान देवरिया जिले के थाना तरकुलवा क्षेत्र के मुसहरी में स्थित तौकलपुर गांव के रहने वाले अमित वर्मा (32), संजू सिंह (22), राहुल सिंह (23) और दौड़ अंसारी (28) के रूप में हुई है। सभी युवक इसी कंपनी में काम करते थे और रात की शिफ्ट के बाद उसी कमरे में सोने के लिए रहते थे। परिजनों को सूचना दे दी गई है और वे कानपुर के लिए रवाना हो गए हैं।
पनकी थाना पुलिस के अधिकारियों और फोरेंसिक टीम ने कमरे की विस्तृत जांच की। अधिकारियों का कहना है कि कमरे में कोई जबरन घुसने या झगड़े के संकेत नहीं मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दरवाजा अंदर से बंद था और युवक संभवतः सोते समय ही दम घुटने का शिकार हो गए। जलता हुआ कोयला कैसे और क्यों रखा गया, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
स्थानीय लोगों और कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि सर्दी से बचने के लिए कई बार मजदूर कोयला या लकड़ी जलाकर कमरे को गर्म रखते हैं। हालांकि पुलिस इस बात की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने तक नहीं कर रही है। पुलिस का कहना है कि यदि चारों ने खुद कमरे को गर्म रखने के लिए कोयला जलाया था, तो संभव है कि रात में खिड़कियां और वेंटिलेशन बंद होने की वजह से कार्बन मोनोऑक्साइड भर गई हो, जिससे दम घुट गया।
फोरेंसिक टीम ने कमरे से कोयले का नमूना, कमरे की मिट्टी, हवा और अन्य सामग्री को जांच के लिए सुरक्षित कर लिया है। टीम के अधिकारियों ने बताया कि कमरे में वेंटिलेशन बेहद कम था। ऐसे में जलते कोयले से निकला धुआं धीरे-धीरे कमरे में भर सकता है।
इधर, घटना के बाद कंपनी के प्रबंधन पर भी सवाल उठने लगे हैं। कई कर्मचारियों ने बताया कि कमरे में उचित वेंटिलेशन नहीं था और सुरक्षा मानकों का पालन भी नहीं किया जाता था। पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि क्या कंपनी की लापरवाही इस हादसे की वजह बनी।
फिलहाल चारों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजह स्पष्ट रूप से सामने आ जाएगी। घटना ने न केवल कंपनी बल्कि पूरे इलाके को गहरे सदमे में डाल दिया है।








