प्रतापगढ़ पुलिस ने एक फर्जी लूट की घटना का सफलतापूर्वक पर्दाफाश करते हुए गैस एजेंसी के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गिरफ्तार किए गए दोनों कर्मचारियों की पहचान शिवम सरोज और राघवेंद्र के रूप में हुई है। ये दोनों एक गैस एजेंसी में घर-घर सिलेंडर सप्लाई करने का कार्य करते थे। पुलिस ने इनके पास से 28,950 रुपये नकद बरामद किए हैं, जिसे इन्होंने ग्राहक से सिलेंडर वितरण के दौरान इकट्ठा किया था।
यह पूरा मामला 19 नवंबर का है, जब दोनों कर्मचारी अपने डाला मैजिक वाहन से क्षेत्र में सिलेंडर सप्लाई के लिए निकले थे। दिनभर के दौरान उन्होंने कुल 36 सिलेंडर की बिक्री की थी, जिससे उन्हें 28,950 रुपये नकद और 4,000 रुपये ऑनलाइन भुगतान के रूप में प्राप्त हुए। नकदी पर कब्जा जमाने के इरादे से दोनों ने षड्यंत्र रचकर एक फर्जी लूट की कहानी तैयार की। इसी मनसूबे के तहत शिवम ने 112 नंबर पर फोन करके पुलिस को लूट की झूठी सूचना दी।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घटना के संबंध में गहन जांच शुरू की। लेकिन जांच के दौरान कई तथ्यों में विरोधाभास सामने आए। पूछताछ में दोनों कर्मचारियों के बयान भी आपस में मेल नहीं खा रहे थे। शक गहराने पर पुलिस ने जब तकनीकी और साक्ष्य आधारित जांच को आगे बढ़ाया तो पूरा मामला सामने आ गया। स्पष्ट हुआ कि किसी लूट की घटना हुई ही नहीं, बल्कि शिवम और राघवेंद्र ने ग्राहक से प्राप्त नकदी हड़पने के लिए खुद ही फर्जी लूट का नाटक रचा था।
पुलिस द्वारा दबाव बढ़ाने पर दोनों कर्मचारियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और बरामद की गई नकदी पुलिस को सौंप दी। इसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की फर्जी घटनाओं की सूचना देकर पुलिस संसाधनों का दुरुपयोग करना गंभीर अपराध है और ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने आम जनता से भी अपील की है कि किसी भी घटना की सूचना सही तथ्यों के आधार पर दें, ताकि पुलिस वास्तविक मामलों पर शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई कर सके।


