अलीगढ़।एक अप्रैल से जो एनपीआर लागू हो रहा है उसका हम लोगों को बायकॉट करना है पूरे मुल्क में यह संदेश फैलाना है की यह जो एनआरपी एनआरसी का पहला स्टेप जिस काम को करने के लिए एएमयू से तीन टीमें निकल चुकी हैं।

नागरिकता बिल को लेकर 15 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों और पुलिस प्रशासन के बीच हुए बवाल के बाद एएमयू के छात्र मोहम्मद आरिफ खान ने बताया कि एएमयू के धरने की शुरुआत 15 दिसंबर को जो हालात अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आए थे जैसा कि सभी जानते हैं इस दौरान हमारे बीच जो काला कानून लाया गया देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के द्वारा उसी काले कानून के विरोध में एएमयू छात्र अहते जाज कर रहे थे वही 15 दिसंबर की घटना से पहले 13 दिसंबर को एएमयू छात्रों द्वारा प्रोटेस्ट मार्च निकालने की कोशिश की गई थी इस दौरान ज़िला अधिकारी का घेराव करने की भी कोशिश की गई थी लेकिन एएमयू छात्रों को प्रोटेस्ट मार्च निकालने से पहले ही रोक दिया गया था और वह दिन भी जुम्मे का ही दिन था और यह इत्तेफाक़ है और उसके बाद 15 दिसंबर को दिल्ली की जामिया मिलिया में हादसा होने के बाद एएमयू छात्रों ने अपने गुस्से का इज़हार करने के लिए बाबे सैयद गेट तक आए थे लेकिन इसमें कहीं ना कहीं पुलिस और प्रशासन शरारत और हमारे घर के जो जिम्मेदार लोग थे उन्होंने शरारत करते हुए लिखित में हम लोगों को मरवाने कटवाने और हम लोगों को जख्मी कराने सब कुछ दे दिया था जिसके बावजूद भी हम लोग पीछे नहीं हटे और वही हम सबकी आंखों के सामने मंज़र था तारिक हमारे बीच में से जिसका इस घटना में हाथ जा चुका था अज़ीम जिसके दोनों हाथ तोड़ दिए गए थे और पता नहीं कितने बच्चे जख्मी कर दिए गए थे पुलिस की तरफ़ से

एएमयू में यह धरना पिछले करीब 90 दिनों से बाबे सैयद गेट पर चल रहा है और अब तक 89 दिन हो चुके हैं और 12:00 बजे के बाद पूरे 90 दिन हो जाएंगे यह धरना आज इस हालात में क्यों नज़र आ रहा है जब कोई भी बड़ा मूवमेंट होता है तो वह कहीं ना कहीं एक लंबे समय के बाद उसकी डिस्टेंस कम होती है वही आप लोग यह ना समझे कि उसका काम करने का तरीका बदल गया या उसमें लोग खफा होना शुरू हो गए या लोग नहीं आते हैं हम लोग अल्लाह का शुक्र है हम लोग एक टीम वाइज़ प्रॉपर चैनल के थ्रू अपना काम कर रहे हैं एंपायर बायकॉट करना है जिसके लिए हमारी टीम में जा चुकी हैं एक टीम बरेली जा चुकी है एक टीम लखनऊ जा चुकी है और एक टीम अलग-अलग इलाकों और जगहों पर जाकर एंपायर बायकॉट करने का काम कर रही है वही बरेली जो टीम पहुंची है एंपायर बायकॉट मैसेज और संदेश देना है की 1 अप्रैल से जो एनपीआर लागू हो रहा है उसका हम लोगों को बायकॉट करना और पूरे देश में यह संदेश फैलाना है की यह जो एनआरपी एनआरसी का पहला स्टेप जिस काम को करने के लिए एएमयू से तीन टीमें निकल चुकी हैं एक टीम बरेली एक टीम लखनऊ और तीसरी टीम इंशा अल्लाह इलाहाबाद जाएगी वहां जाने के बाद यह सभी टीमें पहले तो पब्लिक टॉक करेंगे पब्लिक टॉप करने के बाद वहां के जो जिम्मेदार लोग हैं उनको समझागे ताकि वहां के जो लोकल जिम्मेदार लोग हैं वह इस मैसेज को आगे कन्वो कर सकें एनपीआर पहला स्टेप है एनआरसी का इस हर टीम में 6 से 7 लोग हैं 6,6 लड़कोंं की टीम है जिसमें दो लड़की और 6 लड़के हैं जिसमें टोटल 8 लोग हर टीम में रहते हैं वही इस टीम का एक ही काम है सब लोग एक ही ग्रुप में जाएं और हम लोग आपस में एहतियात पैदा कर कर और एक दूसरी जगह अच्छा मैसेज पहुंचाना है

धरने के 90 दिन बाद भी वही डिमांड है जो पहले थी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और रजिस्टर यह हम छात्रों की दूसरी डिमांड थी पहली डिमांड हमारी जो काला कानून आया है देश में एनआरसी एनपीआर और एनआरसी इस काले कानून के विरोध में हम लोग यहां बैठे हुए थे जैसा कि हम सभी को पता है की अहते जाज चल रहा है पूरे देश में धरने चल रहे हैं उसी की डिमांड को लेकर हम लोग यहां बैठे हुए थे और आज भी पहले दिन से अब तक 90 दिन तकरीबन हो गया और आज भी हम एएमयू के छात्र इस धरने पर लगातार बैठे हुए हैं यह अलग बात है कि हम लोग पहले की तरह पूरी तरीके से मुट्ठी की तरह नहीं है लेकिन हम आपको बता दें अब हम लोग मुट्ठी खोल चुके हैं पांचों उंगली में काम बांट चुके हैं और अब हम लोग लीगल प्रोसेस अहते जाज और जो भी हमारा काम करने का तरीका है उस हर तरीके से हम लोग अपना काम कर रहे हैं।

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