श्रीलंकाई की टीम 2009 में पाकिस्तान के दौरे पर थी।दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी थी। पहला मैच 21 से 25 फरवरी कराची में खेला गया। दूसरा मैच लाहौर में 1 मार्च से 5 मार्च तक खेला जाना था लेकिन घटना से श्रीलंका ही नहीं दुनियाभर के क्रिकेटरों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया था।
3 मार्च क्रिकेट इतिहास में काले पन्ने के रूप में दर्ज है 2009 में 3 मार्च को लाहौर में श्रीलंका की टीम बस पर आतंकवादी हमला हुआ था।
श्रीलंका टीम लाहौर में टेस्ट सीरीज का दूसरा टेस्ट खेल रही थी।टीम खेलने के लिए होटल से स्टेडियम जा रही थी।रास्ते मे आतंकियों ने टीम बस पर हमला कर दिया था।हमले में श्रीलंका टीम के कप्तान महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा, अजंथा मेंडिस, थिलन समरवीरा, थरंगा पारनविताना और चामिंडा वास घायल हो गए थे।
मामले में पुलिस के 6 जवान सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी। बस ड्राइवर खलील की सूझबूझ ने पूरी टीम को मौत के मुंह से निकाल दिया था। वह गोलीबारी के बीच बस चलाकर स्टेडियम तक पहुंच गया।
आतंकियों ने बस को ही निशाना बनाया। गोलियां चलाईं फिर रॉकेट भी दागा। लेकिन बस पर हैंड ग्रेनेड से हमला किया गया। था लेकिन ग़नीमत रही सब बच गए।
खलील ड्राइवर के अनुसार- मैं घबरा गया खिलाड़ियों ने चिल्लाते हुए बस भगाने को कहा। मुझे करंट जैसा महसूस हुआ फिर पता नहीं मुझे कुछ समझ मे नही आया कि क्या करूँ क्या न कर बस को और तेजी के साथ भगाया और बस को गद्दाफी स्टेडियम पहुचा दिया
इस तरह खलील की बहादुरी से खिलाड़ियों की जान बच पाई। और सभी खिलाड़ी सकुशल अपने वतन लौट गए ड्राइवर को श्रीलंका के राष्ट्रपति ने बहादुरी के लिए खलील को सम्मानित भी किया था।