वायरल वीडियो वाला अशोक तिवारी गिरफ्तार, डिलीवरी बॉय पर जानलेवा हमले का आरोपी

प्रतापगढ़। अपराधियों के खिलाफ प्रतापगढ़ पुलिस की सख्त मुहिम के तहत कोतवाली देहात पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जानलेवा हमले और मारपीट के मामले में वांछित चल रहे अशोक तिवारी पुत्र राकेश तिवारी, निवासी श्रीकान्त का पुरवा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त एक डंडा भी बरामद किया।

मीशो डिलीवरी बॉय पर हमला घटना 11 अगस्त 2025 की है। मीशो कंपनी के डिलीवरी बॉय के साथ आरोपी अशोक तिवारी ने मारपीट की और उस पर जानलेवा हमला कर दिया। पीड़ित के परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद से आरोपी फरार चल रहा था। इस वारदात ने स्थानीय स्तर पर खासी चर्चा बटोरी थी।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से बना दबाव


अशोक तिवारी का नाम पहले भी सुर्खियों में रह चुका है। कुछ दिन पहले उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह विशेष समुदाय के लोगों को सड़क पर रोककर गाली-गलौज और मारपीट करता नजर आ रहा था। वीडियो में वह लोगों को धमकाते और भगा देते हुए दिख रहा था। बताया जाता है कि वह ऐसे वीडियो खुद बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करता था। इस हरकत से इलाके में तनाव का माहौल बन गया था और पुलिस पर त्वरित कार्रवाई का दबाव बढ़ गया था।

गुप्त सूचना पर हुई गिरफ्तारी पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ डॉ. अनिल कुमार के निर्देश पर, अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी शैलेन्द्र लाल और क्षेत्राधिकारी नगर प्रशांत राज के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक विजय कान्त सत्यार्थी के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम में उपनिरीक्षक जयकिशन, कांस्टेबल राहुल कुमार और कांस्टेबल अफजाल अहमद शामिल थे।

मुखबिर से मिली गुप्त सूचना पर पुलिस टीम ने श्रीकान्त का पुरवा गांव के पीछे लालगंज वाली सड़क पर घेराबंदी की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मौके पर की गई तलाशी में घटना में प्रयुक्त डंडा भी बरामद किया गया।

आपराधिक इतिहास और पुरानी करतूतें पुलिस रिकॉर्ड में अशोक तिवारी के खिलाफ पहले भी कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। वह कई बार कानून अपने हाथ में लेने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री फैलाने के मामलों में भी पुलिस रडार पर रहा है। पिछले दिनों वायरल वीडियो ने उसके खिलाफ माहौल और भी कड़ा कर दिया था।

पुलिस का सख्त संदेश अधिकारियों ने कहा कि कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने, सड़क पर हंगामा करने या सोशल मीडिया के जरिए नफरत फैलाने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। पुलिस का यह कदम इलाके में कानून व्यवस्था को सख्त बनाए रखने के लिए अहम माना जा रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गिरफ्तारी से न केवल पीड़ित परिवार को राहत मिली है बल्कि समाज में यह संदेश भी गया है कि अपराध करने वालों को बचने का कोई मौका नहीं मिलेगा। पुलिस ने भी साफ किया कि आगे भी ऐसे तत्वों पर लगातार नजर रखी जाएगी और समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।

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