6 अक्टूबर 2018 को गाजियाबाद के मुरादनगर इलाके में 7 वर्षीय बच्ची को अगवा कर दो लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया फिर उसकी निर्मम हत्या कर दी. हत्या के बाद मासूम बच्ची के शव को पास की मस्जिद के छत पर फेंक दिया गया था.
करीब 15 महीने बाद मासूम बच्ची के परिवार वालों को इंसाफ मिला है. जिला न्यायालय गाजियाबाद ने इस पूरे मामले में दो आरोपियों को दोषी ठहराया है.
पूरे मामले को लेकर हमारी टीम ने पीड़ित के वकील सैयद आसिफ अली से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए परिवार वालों के साथ मिलकर हमने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. आज इस पूरे मामले पर जिला न्यायालय गाजियाबाद ने फैसला सुनाया है. 302, 376, 376D और पोस्को एक्ट में आरोपियों को दोषी माना है.
कोर्ट ने पूरे मामले पर सजा सुनाने के लिए 24 फरवरी निर्धारित की है. मुझे पूरी उम्मीद है कि इस पूरे प्रकरण में दोषियों को कम से कम फांसी की सजा होगी, मैंने कोर्ट से आरोपियों को फांसी की सजा सुनाने की अपील की है.
कोर्ट द्वारा आरोपियों को दोषी ठहराए जाने पर पीड़िता के पिता का कहना है कि मुझे पूरी उम्मीद है कोर्ट दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाएगा.
पीड़िता की मां ने कोर्ट द्वारा आरोपियों को दोषी ठहराए जाने पर कहा कि मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हूं और कोर्ट से उम्मीद करती हूं कि उन दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जाए जिससे कि समाज में इस तरह की घिनौनी करतूत करने वालों को सबक मिल सके।