रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान को पांच साल पुराने बयान पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। आमिर खान ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि देश में असहिष्णुता के माहौल पर उन्हें डर लगता है। इस बयान को लेकर रायपुर के दीपक दीवान ने हाई कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के अग्रवाल की एकलपीठ में हुई। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को तय की है।
दीपक दीवान ने अभिनेता आमिर खान के विरुद्ध धारा 153-A और 153-Bआईपीसी की धारा के तहत अपराध का परिवाद दाखिल किया था, जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर ने परिवादी और उनके साक्षियों के बयान दर्ज करके मामले को जांच के लिए पुरानी बस्ती थाने को भेज दिया था। थाना पुरानी बस्ती ने कोर्ट में रिपोर्ट दी कि मामले के तथ्यों, साक्षियों के बयान से अभिनेता का बयान आपसी वैमनस्य फैलाने वाला परिलक्षित होता है।
इसके पश्चात न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर ने परिवाद को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि उक्त दोनों ही धाराओं के लिए केंद्र-राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति आवश्यक है और परिवाद के पूर्व कोई अनुमति नहीं ली गयी है अतः मामले का संज्ञान नहीं लिया जा सकता। इसके बाद वकील अमियकांत तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
याचिका में बताया गया है कि दायर परिवाद इस आधार पर खारिज नहीं किया गया कि आमिर खान के खिलाफ 153 ए, 153 बी आईपीसी के तहत कोई मामला नहीं बनता बल्कि इस आधार पर खारिज किया गया है कि याचिका लगाने से पूर्व कोई अनुमति नहीं ली गयी है। दूसरा, मजिस्ट्रेट अनुमति लेने के लिए प्राधिकृत के पास मामला भेजकर पुलिस को मामला दर्ज करने के लिए निर्देशित किया जा सकता था। इसके बाद कोर्ट ने 5 मार्च 2020 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सोमवार को कोर्ट ने आमिर खान व राज्य शासन को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। अब कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी। याचिकाकर्ता की ओर से मामले की पैरवी अमियकान्त तिवारी, ग़ालिब द्विवेदी और भारत गुलाबानी ने की।
रायपुर से इस्तेखार अहमद की रिपोर्ट