यूपी का मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे आखिरकार उसी कानपुर में पुलिस की गोलियों का शिकार बन गया, जिस कानपुर से उसने खौफ का कारोबार किया. एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी. इसी दौरान एसटीएफ की गाड़ी पलटती है और विकास दुबे पुलिस वालों के हथियार छीनकर भागने की कोशिश करता है. और इसी दौरान पुलिस जवाबी कार्रवाई करती है. जिसमें विकास दुबे मारा जाता है.
यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार की सुबह कानपुर की सीमा के अंदर ही इस एनकाउंटर को अंजाम दिया. लेकिन अब इस मुठभेड़ को लेकर कई बड़े सवाल उठ रहे हैं, जिनके जवाब यूपी पुलिस को देने हैं
कानपुर की सीमा में आने के बाद एसटीएफ के काफिले की गाड़ी का एक्सीडेंट कैसे हुआ?
एसटीएफ की गाड़ी कैसे पलटी? किन हालात में एक्सीडेंट हुआ?
क्या लगातार भागने वाला विकास दुबे इस हालत में था कि उसने एक्सीडेंट होते ही पुलिस के हथियार छीन लिए?
क्या एसटीएफ ने विकास दुबे को लाते समय सावधानी नहीं बरती, जो उसने पुलिस से भिड़ने की हिम्मत जुटाई?
विकास दुबे ने पहले पुलिस पर फायर किए या पुलिस ने उसे रोकने के लिए गोली चलाई?
प्रभात वाले घटनाक्रम से सबक क्यों नहीं लिया गया?
दोनों तरफ से इस एनकाउंटर के दौरान कितने राउंड गोली चली?
जिस विकास दुबे ने खुद उज्जैन में चिल्ला चिल्लाकर मीडिया के सामने गिरफ्तारी दी थी. अचानक शुक्रवार की सुबह उसका मन कैसे बदल गया?
24 घंटे में पुलिस की एक गाड़ी पंचर हुई और दूसरी गाड़ी पलटी।
खुद सरेंडर करने वाला विकास दुबे क्यों एक हथियार लेकर भागने की कोशिश करेगा?
क्या विकास को हथकड़ी नहीं लगाई गई थी? ना बरती गई सावधानी।
आखिर कानपुर आकर ही क्यों भागने लगा था विकास दुबे?
क्या मुठभेड़ में सीने पर गोली मारी जाती है? क्या पुलिस का मकसद उसे रोकना नहीं, जान से मारना था।
इस पूरे एनकाउंटर के बारे में पुलिस और एसटीएफ के अधिकारी और जवान बोलने से क्यों बच रही है?