दिल्ली विश्वविद्यालय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय लगातार दिनों दिन अपडेट होते रहे।

अमूमन सारे विश्वविद्यालय प्रशासन सोशल मीडिया द्वारा अपनी बातें/नोटिस/प्रेस रिलीज़ जारी करतें हैं जो कि एक सीधा ओर तेज़ तरीका है अपनी बातें पहुँचाने का लोगों तक। लेकिन जब मैंने एयू का ट्वीटर हैन्डल देखा तो दुख हुआ कि लास्ट अपडेट दिसंबर 2019 को हुआ था।

बाकि अन्य प्रसिद्ध केंद्रीय विश्वविद्यालय का भी देखा जो विश्वविद्यालय संबंधित ख़बरे बराबर उपडेट करते रहते हैं फिर हम क्यों पीछे है? जब पूरा विश्व डिजिटल हो रहा तो इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन अपने प्रेस रिलीज़ तथा अपनी बातें पहुचाने में छात्रों तक विलंभ क्यों करता है? शायद यही सब कारण है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र विश्वविद्यालय की सटीक खबरों को लेकर सबसे ज्यादा भ्रमित रहते हैं।

देश का चौथा सबसे पुराना विश्वविद्यालय होने के नाते हमे हर क्षेत्र, सुविधा में आगे रहना होगा।

संवाददाता- मोहम्मद साबिर

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