प्रतापगढ़ में महिला सिपाहियों के कंधों पर आई बड़ी जिम्मेदारी, जन सुनवाई के लिए लगेगी 12 घंटे ड्यूटी

एसपी अनुराग आर्य ने महिला सिपाहियों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। दरअसल,जिले में अब लोगों की शिकायत सुनने के लिए महिला सिपाहियों को भी बैठना होगा। उनका काम होगा कि शिकायती पत्र बकायदा रजिस्टर में नोट करके उसे निस्तारित करने के लिए हल्के के दारोगा या थानेदार को दें। इन सभी शिकायतों का निस्तारण भी 72 घंटे के अंदर करना अनिवार्य है।
एसपी ने दिए निर्देश
जानकारी के मुताबिक, एसपी अनुराग आर्य ने लोगों की सहूलियत को देखते हुए ये आदेश दिए हैं कि थाने पर पीड़ित की फरियाद महिला सिपाही सुनेंगी। इस दौरान एक समय पर दो महिला सिपाही जन सुनवाई के लिए थाने पर तैनात रहेंगी। 12-12 घंटे की शिफ्ट में महिला सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। जन सुनवाई का काम महिला सिपाहियों को सौंपने का मकसद यह है कि महिला होने के नाते वह पीड़ित से सलीके से बात करेंगी।
दरअसल, एसपी का मानना है कि थानेदार हमेशा बाहर के काम में व्यस्त रहता है। ऐसे में दीवान के कंधों पर काफी जिम्मेदारी आ जाती है। दीवान अभिलेख दुरुस्त करने और सूचनाएं तैयार करने में हर समय व्यस्त रहते हैं। उसी दौरान अगर फरियादी सामने पहुंच जाते हैं तो दीवान झुझलाहट को पीड़ित पर उतारता है। जिसके बाद फरियादी को सिर्फ एसपी कार्यालय ही नजर आता है और लोग वहां पहुंचने लगते हैं।
शिकायत दर्ज करना होगा काम
इस व्यवस्था में महिला सिपाही का काम सिर्फ शिकायत दर्ज करना होगा। बाकी उसका निस्तारण का काम दारोगा या थानेदार की ही जिम्मेदारी पर होगा। जिले में कुल 353 महिला सिपाही हैं। अब थानों में जन सुनवाई के लिए एक समय में दो महिला सिपाही तैनात रहेंगी। इससे फरियादियों को काफी राहत मिलेगी।

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