बंगाल: ममता बनर्जी के लिए मुसीबत बनेगी ओवैसी और पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की जोड़ी!लगभग 100 सीटों पर बिगड़ेगा TMC का खेल

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को राज्य की सत्ता तक पहुंचाने वाले सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने अब एक बड़ा सियासी संकेत दिए हैं। मई महीने में पश्चिम बंगाल के चुनाव से पहले अब्बास सिद्दीकी रविवार को AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से मिले हैं। इस मुलाकात को पश्चिम बंगाल की सियासत में एक बड़ी घटना माना जा रहा है। बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ विख्यात दरगाह है। दक्षिण बंगाल में इस दरगाह का विशेष दखल है। लेफ्ट फ्रंट सरकार के दौरान इसी दरगाह की मदद से ममता ने सिंगूर और नंदीग्राम जैसे दो बड़े आंदोलन किए थे।

दरअसल, पश्चिम बंगाल की सियासत में 31 फीसदी वोटर्स मुस्लिम हैं। पीरजादा अब्बास सिद्दीकी जिस फुरफुरा शरीफ दरगाह से जुड़े हैं, उसे इस मुस्लिम वोट बैंक का एक गेमचेंजर माना जाता है। लंबे वक्त से सिद्दीकी ममता बनर्जी के करीबियों में से एक रहे हैं। हालांकि कुछ वक्त से सिद्दीकी ममता के खिलाफ बयान दे रहे हैं और वह खुले रूप में टीएमसी का विरोध भी कर रहे, ऐसे में ओवैसी से उनका मिलना अहम है।

हाल ही में पश्चिम बंगाल के चुनाव में उतरने का ऐलान किया है, ऐसे में सिद्दीकी से उनकी मुलाकात को मुस्लिम वोटर्स को AIMIM (ओवैसी की पार्टी) के पक्ष में करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। बड़ी बात ये कि पश्चिम बंगाल में बंगाल की सत्ता में आने से पहले ममता बनर्जी जिन सिंगूर और नंदीग्राम के आंदोलनों के कारण लोगों के बीच लोकप्रिय हुई थीं, उनमें फुरफुरा शरीफ की एक बड़ी भूमिका थी।

Facebook Comments