यूपी: जिलों में तैनाती के मामले में युवा आईएएस अफसरों का दबदबा बढ़ा,
प्रमोटी अफसरों में बेचैनी बढ़ी,
जिलों की जिम्मेदारी मिलने के मामले में डायरेक्ट सेवा के युवा आईएएस अधिकारियों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। प्रमोटी आईएएस अफसरों की जिलों में हिस्सेदारी घटकर 19 तक सिमट गई है। मंडलायुक्तों के पदों पर भी प्रमोटी अफसरों की तैनाती सीमित होती जा रही है। इससे इस संवर्ग के अफसरों की बेचैनी बढ़ती जा रही है।
प्रदेश के 75 जिलों में से वर्तमान में 56 जिलों में डायरेक्ट सेवा के आईएएस अधिकारी डीएम हैं। एक समय डीएम के रूप में प्रमोटी आईएएस अधिकारियों की संख्या डायरेक्ट सेवा के अधिकारियों के लगभग बराबर हुआ करती थी। कई बार यह ज्यादा भी हुई है।
मगर, हाल ही में हुए तबादलों के बाद सिर्फ 19 प्रमोटी आईएएस अधिकारियों के पास ही जिलों की कमान बची है। इसी तरह प्रदेश के 18 मंडलों में से सिर्फ चित्रकूटधाम, मुरादाबाद व मिर्जापुर मंडलों में ही प्रमोटी आईएएस अफसर मंडलायुक्त हैं। शासन स्तर पर अहम पदों की जिम्मेदारी निभा रहे कई प्रमोटी अधिकारी भी कलेक्टर की रेस में पीछे छूटते जा रहे हैं।
खींचतान से सीमित हो रही भूमिका,
पीसीएस संवर्ग के कई अफसरों का कहना कि हमेशा अनुभव को जोश पर तवज्जो मिलती रही है। लेकिन पीसीएस संवर्ग की अंदरूनी खींचतान से प्रमोटी आईएएस अधिकारियों की भूमिका सीमित होती जा रही है। न सिर्फ कलेक्टर व कमिश्नर के पदों पर संख्या घटी है, बल्कि नगर आयुक्त व विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष व मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पदों पर भी तैनाती सिमट रही है।
डीएम की नियुक्ति में संख्या की जगह अफसर महत्वपूर्ण,
शासन के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कहते हैं कि डीएम व कमिश्नर की तैनाती में संख्या से ज्यादा तैनात होने वाला अधिकारी महत्वपूर्ण होता है। डीएम का दायित्व संवेदनशील होता है और सरकार की छवि उसी से बनती-बिगड़ती है।
आमतौर पर युवा आईएएस अधिकारी जिन्हें पहली या दूसरी बार जिले की कमान मिल रही होती है वे निर्विवाद छवि पूर्ण कार्यक्षमता व पूरे जोश के साथ काम करते हैं। जिन प्रमोटी अफसरों में ये गुण नजर आते हैं। वे अपना स्थान बना ही लेते हैं। ऐसे में संख्या के हिसाब से इन पदों पर तैनाती का आकलन नहीं करना चाहिए। सरकार जिस अधिकारी को जहां उपयुक्त उपयोग समझती है वहां तैनाती देती है।
इन्हीं जिलों में प्रमोटी आईएएस अधिकारी कलेक्टर,
जिला नाम
चित्रकूट शेषमणि पांडेय
सीतापुर विशाल भारद्वाज
फर्रुखाबाद मानवेंद्र सिंह
बांदा आनंद कुमार सिंह-द्वितीय
गोंडा मार्कंडेय शाही
कानपुर देहात डॉ. दिनेश चंद्र-द्वितीय
सहारनपुर अखिलेश सिंह
उन्नाव रवींद्र कुमार-प्रथम
कन्नौज राकेश कुमार मिश्रा
लखीमपुर खीरी शैलेंद्र कुमार सिंह
बिजनौर रमाकांत पांडेय
शाहजहांपुर इंद्र विक्रम सिंह
गाजीपुर मंगला प्रसाद सिंह
अमरोहा उमेश मिश्रा
मुरादाबाद राकेश कुमार सिंह-द्वितीय
हमीरपुर ज्ञानेश्वर त्रिपाठी
अलीगढ़ चंद्रभूषण सिंह
गाजियाबाद अजय शंकर पांडेय
कासगंज चंद्र प्रकाश सिंह
पुलिस महकमे में भी यही हाल
पुलिस महकमे में भी 75 में से 23 जिलों में ही प्रांतीय पुलिस सेवा से प्रोन्नत अफसर तैनात हैं। एक समय था जब प्रदेश में आधे से अधिक प्रोन्नत अफसरों को जिलों में कप्तान की जिम्मेदारी दी जाती थी, लेकिन अब डायरेक्ट आईपीएस अफसरों को तरजीह दी जा रही है। वर्तमान में एक भी जोनल मुख्यालय वाले जिलों में प्रमोटी आईपीएस कप्तान नहीं है।