आगरा के केंद्रीय कारागार से आखिरकार ललितपुर के विष्णु तिवारी बुधवार को रिहा हो गए. दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट के मामले में पैरवी नहीं कर पाने की वजह से उनकी जिंदगी के 20 साल सलाखों के पीछे गुजर गई मगर, अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें बेगुनाह साबित कर दिया है दूसरी तरफ कोर्ट के फैसले के बाद पुलिसिया सिस्टम की लापरवाही की पोल फिर से खुल गई है

आगरा : ये मामला सितंबर 2000 का है. ललितपुर के थाना महरौली के गांव सिलावन निवासी विष्णु तिवारी पर एक अनुसूचित जाति की महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था इस मामले में विष्णु तिवारी जेल गए उन्हें कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई साथ ही एससी-एसटी एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई विष्णु सन 2000 से ही जेल में थे

वह 20 साल से जेल में थे कुछ साल बाद उनके बाद उनके पिता व उनकी माता का देहांत हो गया जेल में ही रहे कुछ दिनों बाद उनके बड़े भाई की भी मृत्यु हो गई जेल में ही रहे अब 20 साल बाद मिला इंसाफ सब कुछ खत्म हो जाने के बाद आखिर 20 साल वो जेल में बीते हुए कीमती समय आखिर कौन लौटाएगा

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