हज़ार साल पुराना ये चर्च BJP के लिए वोट मांग रहा है, वजह जानकर आप चौंक जाएंगे
केरल में चर्च ने PM मोदी के साथ-साथ BJP नेता आर बालाशंकर (दाएं) का नाम लेकर इनके समर्थन में वोट करने की अपील की है.


चुनावों का सीज़न शुरू हो गया है. केरल में भी चुनाव हैं. राज्य में 6 अप्रैल को मतदान होगा, 2 मई को नतीजे आएंगे. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी को केरल के एक बड़े चर्च से समर्थन मिला है. वो भी सिर्फ एक नेता की बदौलत. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक- केरल के मलनकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च ने अनुयायियों से अपील की है कि वे चुनाव में BJP नेता आर बालाशंकर के पक्ष में मतदान करें.

दरअसल केरल का एक जिला है- आलप्पुझा. आलप्पुझा में एक चर्च है, जो करीब एक हज़ार साल पुराना है. नाम है- सेंट जॉर्ज ऑर्थोडॉक्स चर्च. इस चर्च को 2019 में हटाए जाने की नौबत आ गई थी. जहां पर चर्च है, उसी रास्ते से एक नेशनल हाईवे जाना था. 2020 में इस मामले में BJP नेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम के को-कन्वीनर आर बालाशंकर ने दख़ल दिया था. चर्च के पक्ष में सामने आए थे. नतीजा चर्च के पक्ष में रहा. इसके लिए ईसाई समुदाय आर बालाशंकर को काफी मानता है. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर में ही ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रवक्ता फादर जॉन्स की बातों का भी ज़िक्र है. उनका कहना है कि –

“चर्च के हेड चाहते हैं कि सभी अनुयायी राजनीतिक बातों को दरकिनार करते हुए आर बालाशंकर के लिए मतदान करें. अगर बालाशंकर नहीं जीतते हैं तो ये अहसानफरामोशी होगी. चर्च के मामले में तो प्रधानमंत्री तक ने हस्तक्षेप किया था. बाद में ये मामला पुरातत्व विभाग के सामने भी पहुंचा और आख़िरकार चर्च को नहीं हटाया गया. ऐतिहासिक चर्च को बचाने की इस मुहिम में नेतृत्व बालाशंकर ने ही किया था.”

इसका राजनीतिक महत्व
अभी तक आर बालाशंकर के केरल के चेंगन्नूर से चुनाव लड़ने की बातें आ रही हैं. फिलहाल ये सीट CPI(M) के पास है. यहां ऑर्थोडॉक्स चर्च का अच्छा प्रभाव है. इस नाते चर्च का खुलकर समर्थन मिलना मायने रखता है. चर्च ने तो यहां तक कह दिया है कि-

LDF-UDF ने चर्च को बचाने की मुहिम से खुद को दूर रखा. वो तो भला हो बालाशंकर का, जिन्होंने चर्च के एक सदस्य की तरह साथ दिया.

केरल और ईसाई समुदाय
केरल की राजनीति में ईसाई समुदाय का समर्थन मिलना बहुत बड़ी बात होती है. राज्य में करीब 19 से 20 फीसदी आबादी ईसाइयों की है. मलनकारा चर्च की तो और भी मान्यता है. ये चर्च 20वीं सदी की शुरुआत से अस्तित्व में है और लोगों के बीच इसे लेकर काफी आस्था है. ऐसे में चर्च की BJP प्रत्याशी के समर्थन में अपील और PM मोदी का नाम लेना चुनाव में अहम साबित हो सकता है.

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