लखनऊ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मलाईदारों पदों पर नामांकन की मची आपाधापी के बीच कई गांवों के लोंगो ने ऐसे हालात पैदा कर दिये है कि चुनाव जीतने के बाद भी इन गांवों के प्रधान अपने पद की शपथ ग्रहण नही कर पायेंगे।
राज्य में मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार पाने वाली ग्राम पंचायत दंदौरा खुर्द में ग्राम पंचायत के 13 वार्ड हैं। लेकिन सदस्य पद के लिए इस गांव में किसी भी वार्ड में किसी भी व्यक्ति द्वारा कोई नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया गया है। ब्लाक सदर क्षेत्र की ग्राम पंचायत दंदौरा खुर्द को मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना के तहत पहले पुरस्कार के रुप में 1200000 रुपए मिल चुके हैं। बेहतर कार्य और अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक स्कूल दंदौरा खुर्द की अच्छी व्यवस्था आदि को लेकर ग्राम पंचायत को यह पुरस्कार मिला है। गांव की ग्राम पंचायत अधिकारी प्रियंका सिंह है। उनकी मेहनत भी पुरस्कार के लिए काबिले तारीफ रही है।
निवर्तमान प्रधान विनोद कुमार है। एडीओ पंचायत संजय पाठक ने बताया कि दंदौरा खुर्द में 13 वार्ड हैं। लेकिन नामांकन के दौरान इस गांव में किसी भी वार्ड से किसी भी व्यक्ति ने ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। नियमों के मुताबिक दो तिहाई सदस्य ना होने पर निर्वाचित प्रधान को कोई भी अधिकार नहीं मिलते हैं। जबकि इस गांव में तो पंचायत सदस्य पद के लिये एक भी नामांकन नहीं है। लिहाजा जो भी प्रधान अपने पद पर निर्वाचित होगा वह नियमों के चलते शपथ ग्रहण नहीं कर पाएगा। इसी तरह छिबरामऊ जिला क्षेत्र की ग्राम पंचायत हमीरपुर में भी ग्राम पंचायत सदस्य पद के 13 वार्ड हैं। इस ग्राम पंचायत के किसी भी वार्ड में सदस्य पद के लिए किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया है।
ऐसे हालातों के बीच इस ग्राम पंचायत में भी प्रधान पद के चुनाव को लेकर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है। जब तक ग्राम पंचायत का कोरम पूरा नहीं होगा। तब तक ग्राम प्रधान के चुनाव जीतने और बोर्ड के गठन का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। अब ग्राम पंचायत में सदस्य पद के नामांकन के लिए प्रशासन को दोबारा से पूरी कवायद करनी पड़ी।