शहाबुद्दीन की मौत से मिले सियासी प्लाज्मा ने आज़म खान को दे दी ज़िंदगी।

कोरोना संक्रमण के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए आजम खान अब खतरे से बाहर हैं. दावा किया जा रहा है कि उनके इलाज के लिए मुसलमानों ने अखिलेश यादव पर शहाबुद्दीन की मिसाल देकर दबाव बनाया. जिसके नतीजे में अखिलेश ने दिल्ली से भी नामी गारामी चिकित्सकों का एक दल लखनऊ बुलवाया लिया

सीतापुर जेल में सज़ा काट रहे सपा सांसद आज़म ख़ान का बेहतर इलाज उनका जीवन बचाने में सफल होता दिख रहा है. कहा जा रहा है कि राजद के बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की कोरोना से मौत का सियासी प्लाज़मा पाकर आजम खान का जीवन बच गया. शहाबुद्दीन की मौत के बाद मुस्लिम समाज का एक तबका बिहार के सबसे बड़े विपक्षी दल राजद से नाराज नजर आया. आरोप था कि अपनी पार्टीं के पूर्व सांसद के बुरे वक्त में उनका साथ ना देने वाले तेजस्वी यादव चाह लेते तो उनके दबाव में शहाबुद्दीन का बेहतर इलाज हो सकता था और उनकी जान बच सकती थी. ऐसे खबरों और सुगबुगाहट के बाद ही सपा सांसद की भी सीतापुर जेल में कोरोना से हालत बिगड़ गई. मुस्लिम बिहारियों के विरोध और पछतावे के आंसुओं से सबक लेकर यूपी के मुस्लिम सपा काडर ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर खूब दबाव बनाया. कहा गया कि यूपी के सबसे बड़े विपक्षी दल का कद्दावर नेता और सांसद राजनीतिक द्वेष में जेल में ठूस दिया गया है. कोरोना से ग्रसित जिन्दगी और मौत से जूझ रहा है, ऐसे में सपा सत्ता पर दबाव बनाकर आजम खान का किसी अच्छे अस्पताल मे इलाज करवाएं. माना जा रहा है कि अखिलेश के मशविरे पर योगी सरकार ने आजम का दाखिला अच्छे अस्पताल में करवाया

अखिलेश यादव ने दिल्ली से भी नामी गारामी चिकित्सकों का एक दल लखनऊ बुलवाया. और इस तरह बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच चुके आज़म खतरे से बाहर निकाल लिए गए. गौरतलब हो कि पिछले सात-आठ बरस पहले शुरु हुई मोदी सोनामी में जिस मुस्लिम समाज को धर्मनिरपेक्ष दल भी नजरअंदाज करने लगे थे पश्चिम बंगाल में अपनी एकजुटता से भाजपा को हराने वाला मुस्लिम समाज एक बार फिर मुखर भी हो रहा है और दबाव की राजनीति कर मोल भाव करता दिखाई देने लगा है।

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