25 व 26 मई को होगा ग्राम प्रधान-पंचायत सदस्यों का शपथ ग्रहण.

यूपी में ग्राम पंचायत प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य 25 व 26 मई को शपथ लेंगे व पहली बैठक की तारीख 27 मई तय की गई है. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिया है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में संपन्न हुई पंचायत चुनाव प्रक्रिया के बाद शासन ने नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों व पंचायत प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण कराने की तारीखों का ऐलान किया है. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिया है. जारी आदेश के अनुसार नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान व नवनिर्वाचित पंचायत सदस्यों की शपथ के वर्चुअल कार्यक्रम 25 व 26 मई को आयोजित होंगे. ग्राम पंचायतों के शपथ ग्रहण के साथ ही गठन के बाद ग्राम पंचायतों की पहली बैठक 27 मई को कराए जाने के आदेश भी दिए गए हैं.

अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जारी किया आदेश.


राज्य सरकार के के निर्देश के बाद पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जारी आदेश में कहा है कि ग्राम पंचायतों के संगठित और निर्वाचित सदस्यों की शपथ कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से कराए जाएंगे. शपथ कार्यक्रम में कोविड-19 का प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा.

जिन ग्राम पंचायतों में दो तिहाई सदस्य वहीं होगा गठन
ग्राम पंचायतों में प्रधान और कम से कम दो तिहाई पंचायत सदस्यों का निर्वाचित होना जरूरी है. जिन ग्राम पंचायतों में दो-तिहाई पंचायत सदस्य होंगे. तभी ग्राम पंचायतों का गठन किया जा सकेगा. अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वर्चुअल रूप ग्राम प्रधानों व पंचायत सदस्यों की शपथ कराने और ग्राम पंचायतों को संगठित कराने को लेकर आदेश दिया है. जारी आदेश में कहा गया है कि जिन ग्राम पंचायतों में शपथ ग्रहण ग्राम प्रधान की होगी और जहां भी दो तिहाई से अधिक ग्राम पंचायत सदस्य होंगे. उन ग्राम पंचायतों का गठन करके इसकी सूचना शासन को 28 मार्च को निर्धारित प्रारूप पर भेज दी जाए.

ग्राम पंचायतों में दो तिहाई से कम सदस्य वहां फिर होगी निर्वाचन प्रक्रिया.


जारी आदेश के अनुसार जिन ग्राम पंचायतों में दो तिहाई से कम सदस्य हैं. उन ग्राम पंचायतों में दोबारा से पंचायत सदस्यों के निर्वाचन की प्रक्रिया और फिर पंचायतों के गठन की प्रक्रिया पूरी कराई जा सके. जिन ग्राम पंचायतों में 2 तिहाई से अधिक नवनिर्वाचित सदस्य नहीं रहेंगे. वहां पर उसकी संख्या शासन को भेजी जाएगी और इसके बाद वहां पर निर्वाचन की प्रक्रिया अलग से पूरी कराई जाएगी. जिससे कुल ग्राम पंचायतों में भी विकास के कार्य आगे बढ़ाने को लेकर ग्राम पंचायतों का गठन कराया जा सके.

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