धर्म परिवर्तन के नाम से परोसा जा रहा समाज मे जहर

पीड़ित पक्षों का आरोप नहीं है कोई धर्म परिवर्तन का मामला

मार्च में शादी कराकर ले आए लड़की को

कंधई पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी

कंधई/प्रतापगढ़
आधी अधूरी जानकारी को लेकर धर्म परिवर्तन के नाम पर आज एक बार फिर जहर फैलाया गया।
मामला कंधई थाना क्षेत्र के अंतर्गत आसलपुर ग्राम सभा के कीरतपुर गांव का है। जहां पर नट,महाउत और कुछ मदारी जाति के लोग निवास करते हैं। आधी अधूरी जानकारी के चलते आज सुबह कंधई पुलिस को सूचना दी गई कि बिहार राज्य और प्रयागराज जिले से दो लड़कियों को जबरन 10 से 12 दिन घर में कैद करके रखा गया और उन्हें मारा-पीटा गया। मामले की सूचना पाकर कंधई पुलिस सुबह मौके पर पहुंची और दो लोगों को मौके से उठा ले आई। इस आधी अधूरी जानकारी ने समाज में एक बार फिर धर्म परिवर्तन के नाम पर जहर उगला जबकि सच्चाई कुछ और है। बगैर सच्चाई जाने ही धर्म परिवर्तन का नाम दिया गया और अफवाह फैलाई गई। जब मीडिया ने मौके पर जाकर पता किया तो मामला कुछ और निकला।
पीड़ित पक्षों का आरोप है कि हम लोग यहां 20.25 साल से बसे हैं। हम लोग किसी तरह मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। जिन लड़कियों के नाम के आधार पर धर्म परिवर्तन का जहर फैलाया गया वह गलत है।उनके परिजनों से बात की गई तो पता लगा कि एक लड़की की शादी 21 मार्च 2021 को बिहार राज्य के भभुआ जिले में नुआ थाना के अंतर्गत बड़ारी गांव की रीमा कुमारी की शादी बृजेश के साथ हुई है जो कि बंगाल का निवासी है और वह नट जाति से है।दूसरी लड़की का नाम कोमल है जो कि प्रयागराज की रहने वाली है।कोमल ने बताया कि मैं लव मैरेज की हूं। मैं मदारी जाति से हूं।हमारी जाति के लोग नट बिरादरी में शादी कर सकते हैं।हमारे साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं हुई है और न ही कोई धर्म परिवर्तन का मामला है।जब इस बारे में बिहार राज्य की रीमा कुमारी की मां और भाई से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रीमा की शादी मैंने 21 मार्च 2021 को बृजेश के साथ की है जो कि बंगाल का रहने वाला है और नट जाति से है।कोमल से भी पूछने पर पता चला कि उसने लव मैरेज की है।
पीड़ित पक्ष का कहना है कि यह अफवाह जान बूझकर फैलाई जा रही है जिससे हम लोग डरकर यहां से भाग जाएं।
कंधई कोतवाल नीरज वालिया का कहना है कि मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच की का रही है जो भी साक्ष्य निकलकर सामने आएगा उसी के आधार पर कार्यवाही होगी।
दूसरी तरफ पीड़ितों को फर्जी मामले में फंसाने का भी आडियो वायरल हो रहा है जिससे यह साबित होता है कि मामला धर्म परिवर्तन का नही है बल्कि कुछ और है।बहरहाल जो भी है लेकिन पीड़ितों की माने तो यह सब मात्र एक कोरी अफवाह है जिसे बेवजह तूल देकर बढ़ाया जा रहा है और धर्म के नाम पर रोटियां सेंकी जा रही है।


शैलेन्द्र प्रताप सिंह के साथ नौशाद अहमद खान की खास रिपोर्ट

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