तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने वाले अब बच नहीं पाएंगे। ओवर स्पीड से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर परिवहन विभाग स्पीड रडॉर गन खरीदने जा रहा है। इसके सहारे आरटीओ चेकिंग दल सड़क पर तेज रफ्तार में दौड़ने वाले वाहनों का चालान करना आसान होगा। चालान कटते ही गाड़ी मालिक के मोबाइल नंबर पर ओवर स्पीड का ब्योरा समेत चालान की धनराशि पहुंच जाएगी।

इस साल बीते दस महीने में लखनऊ समेत समूचे उप्र में 39.2 फीसदी सड़क हादसे तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने से हुए हैं। ऐसे हादसों को हाइवे और नेशनल हाइवे पर रोकने के लिए परिवहन विभाग नई कवायद करने जा रहा है। अभी तक परिवहन विभाग के पास तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण के लिए मात्र छह इंटरसेप्टर वाहन है। जोकि वाहनों के बढ़ती संख्या के आगे बौनी साबित हो रही है।

रपीड रडार गन सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों की गति को माप सकती हैं। जो वाहन तेज गति से दौड़ रहे होते है उनका मौके पर ही चालान कट जाता है। स्पीड रडार गन की मदद से वाहन चालक को सबूत के तौर पर वीडियो भी दिखाया जा सकता है। साथ ही चालान मोबाइल नंबर पर पहुंचेगा।

अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा पुष्पेंद्र सत्यार्थी ने बताया कि तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण करने के लिए विभाग के पास उपकरणों की कमी है। इसी वजह से विभाग अब स्पीड रडार गन खरीदने जा रहा है। जिससे ओवर स्पीड़ वाहनों को काबू में किया जा सके।

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