सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के हाजी इरफान सोलंकी

उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव के नतीजे आ चुके हैं उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट पूर्ण व प्रचंड बहुमत का जनादेश उत्तर प्रदेश की जनता ने दे दिया है 37 सालों के बाद उत्तर प्रदेश में किसी राजनीतिक दल ने दोबारा लगातार सत्ता में वापसी की है इस पूरी जीत का सेहरा सभी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया है जल्द ही उत्तर प्रदेश में नई मंत्रिमंडल के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव बहुचर्चित सीटों में एक रही कानपुर नगर की सीतामऊ विधानसभा आपको बता दें कि सीतामऊ विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी कानपुर में बड़े चेहरे कई बार विधायक रहे वर्तमान में एमएलसी सलिल विश्नोई को मैदान में उतारा और प्रदेश के व राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने प्रचार किया

इस सीट समाजवादी पार्टी ने अपने वर्तमान विधायक इरफान सोलंकी को मैदान में उतारा इसी विधानसभा सीट दो बार चुनाव जीत चुके इरफान को प्रत्याशी बनाया और केवल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक रोड शो किया जो पूरे उत्तर प्रदेश जा सबसे ज़्यादा भीड़ वाला रोड शो माना गया

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की रोड शो की झलक

और जब 10 मार्च को नतीजा आया तो इरफान ने लगातार चौथी जीत करदी है 42 साल के लगातार चौथी बार विधानसभा में पहुंचने का कमाल किया है आपको बता दें कि उनके पिता मरहूम हाजी मुस्ताक सोलंकी भी दो बार विधायक रहे इनके पिता हाजी मुस्ताक सोलंकी कानपुर की आर्य नगर विधानसभा से दो बार विधायक रहे मुस्ताक सोलंकी का 2007 में देहांत हो गया जिसके बाद उनकी राजनीतिक विरासत को इरफान सोलंकी आगे बढ़ा रहे हैं

2012 के परिसीमन के बाद आर्यनगर का अधिकांश हिस्सा सीसामऊ में जोड़कर सीसामऊ को जो कि पूर्व में सुरक्षित सीट थी उसे सामान्य किया गया तो इरफान ने 2012 में सीसामऊ से ताल ठोक दी और वह 2012 में कांग्रेस के निवर्तमान विधायक संजीव दरयाबादी को हरा दिया 2012 के प्रदेश में सपा की सरकार आई और इरफान खूब चर्चा में रहे खास हैलट में डॉ का विवाद जिसमे पूरे प्रदेश के डॉ हड़ताल पर चले गए थे

अक्सर अपने कामों को लेकर चर्चा में रहते हैं हाजी इरफान सोलंकी तभी पुलिस से भरते कभी अधिकारियों से लड़ते नो करते उनका वीडियो वायरल होता रहता है 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी की लहर में तमाम से तमाम दिग्गज हार गए कई राजनीतिक किले ढह गए और 2017 में जब समाजवादी पार्टी को केवल 44 सीटें आई थी उस समय भी हाजी इरफान सोलंकी से तीसरी बार चुनाव जीत गए

विधानसभा चुनाव 2022 में हाजी सुहैल को मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव प् मैदान में उतारकर कांग्रेस ने सोलंकी की राहें मुश्किल करनी चाही लेकिन हाजी इरफान फिर भी चुनाव जीत गए और कांग्रेस के सोहेल को महज 7000 के आसपास वोट मिले

आखिर क्यों जीते इरफान…?

चौथी बार विधायक कैसे बने इरफान …??

आपको बता दें कि इरफान हर जात हर बिरादरी के काम आते हैं अक्सर वह हर बिरादरी के बीच पहुंचते रहते हैं बिल्कुल भी दिखावा नहीं करते सामान्य जीवन जीते हैं जबकि बहुत धनवान व पैसे वाले हैं हाजी इरफान सोलंकी कानपुर की कैंट विधानसभा क्षेत्र के डी ए के पास चौराहे के पास वो रहते है और वही निवास करते हैं बहुत बड़े कारोबारी भी हैं हाजी इरफान 6 भाई हैं आज इरफान के तीन बच्चे हैं दो बेटियां हैं हाजी इरफान के भाई भी अक्सर चर्चा में रहते हैं उसपर फिर कभी बात करेंगे

इरफान सोलंकी की जीत का सबसे बड़ा कारण रहा कि उन्होंने क्षेत्र में बिना भेदभाव के हर धर्म हर जाति हर वर्ग के लोगों का काम किया और खासकर हिंदू धार्मिक स्थल मंदिरों में सुंदरीकरण वहां पर हर चीज की व्यवस्था का खासा ख्याल रखा जिसके कारण हाजी इरफान सोलंकी को जीत मिली

हाजी इरफान सोलंकी ने कानपुर नगर में सबसे पहले ई चालान में फर्जी तौर पर हो रही में गड़बड़ियों व धनउगाही को सबूत के साथ बड़े पैमाने पर उजागर किया था और उसको एक बहस का मुद्दा बनाया था जिसके बाद लोगों में और लोकप्रिय हुए थे मज़बूती के साथ लोगो की दिलचस्पी हाजी इरफान में बढ़ गई और

इस चुनाव 2022 में भी 13000 के आसपास मतों से चुनाव जीत गए उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार सपा कि सरकार बनी तो हाजी इरफान सोलंकी को कैबिनेट में जगह मिलेगी पर यूपी में जनता ने भाजपा को बहुमत दिया और सरकार बनाई है

हाजी इरफान के साथ साथ कानपुर नगर में समाज वादी पार्टी को दो और सीटों पर आई है आर्यनगर से अमिताभ बाजपेई ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है जिनका नाम CAA NRC प्रदर्शन के दौरान खूब चर्चा में रहा दूसरी सीट है कानपुर कैंट जिस सीट पर हाजी हसन रूमी ने पहली बार साइकिल दौड़ा दी है कानपुर की 10 विधानसभा सीटों में से 7 पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है

गोविंदनगर, कल्याणपुर, बिठूर, महाराजपुर,बिल्हौर

घाटमपुर,क़िदवई नगर

बिल्हौर और घाटमपुर विधानसभा सीट सुरक्षित सीटें हैं

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