छतीशगढ़: मालखरौदा के पिहरीद गांव में बोरवेल के खुले होल में गिरे 10 वर्षीय राहुल साहू ने अंततः जिंदगी की जंग जीत ली। वह 100 घंटे से ज़्यादा समय तक बोरवेल में फंसा रहा था। राहुल के सूरक्षित बाहर निकल आने के बाद शासन एवं प्रशासन ने अब कहीं जाकर चैन की सांस ली है। घटना वाले दिन से लेकर अब तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राहुल पर बराबर अपडेट लेते रहे थे। राहुल को बाहर निकालने पिछले दो दिनों से सेना के जवान तक लगे हुए थे। मालखरौदा से जांजगीर, मस्तूरी के रास्ते राहुल को बिलासपुर लाया जाएगा। जहां उसे अपोलो अस्पताल में दाखिल कराया जाएगा। एम्बुलेंस में माता-पिता उसके साथ होंगे।
ज्ञात हो कि राहुल 10 जून को बोरवेल के खुले होल में जा गिरा था। जहां गिरा वह करीब 60 फुट गहरा था। बोरवेल में बच्चों के गिरने की अब तक जितनी घटनाएं हुई हैं उनमें इस घटना को सबसे अधिक समय तक चलने वाला आपरेशन माना गया है। गड्ढे के आसपास चट्टानें थीं। जिन्हें काटने में काफ़ी लंबा वक्त लगा। चट्टानों को काटते वक्त अति सावधानी बरती गई थी, ताकि राहुल को किसी तरह का खतरा न हो। राहुल न बोल सकता है न सुन सकता है। उसने 100 घंटे से ज्यादा समय तक जिस तरह जीवन और मौत के बीच संघर्ष किया उसे बड़ा चमत्कार माना जा रहा है। जांजगीर कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला एवं एसपी विजय अग्रवाल पूरे समय तक घटना स्थल के पास डटे रहकर पल-पल की जानकारी लेते रहे थे।
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