उत्तर प्रदेश नगर निकाय 2022 करीब आ चुका है। नगर पंचायतों में हर संभावित उम्मीदवार पूरे दमखम के साथ प्रचार-प्रसार में लगा हुआ है। राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को ग्राउंड पर आजमाने लगे हैं।
प्रतापगढ में भी नगर निकाय चुनाव को लेकर गहमागहमी बढ़ चुकी है।चौक-चौराहों पर पोस्टर-बैनर का जखीरा देखने को मिलने लगा है। नगर निकाय चुनाव को लेकर प्रतापगढ जनपद ख़बर की स्पेशल सीरीज में बात की जाए तो रानीगंज नगर पंचायत की।
प्रतापगढ जनपद में 18 निकायों में चुनाव होने है जिसमे एक नगर पालिका परिषद के साथ बाकी नगर पंचायत के चुनाव होने हैं।
जिले में 2017 तक कुल आठ नगर पंचायत व एक नगर पालिका ही थी। 2017 के नगर निकाय चुनाव में रानीगंज नगर पंचायत का गठन हुआ। चुनाव हुए तो भाजपा की मीरा गुप्ता पत्नी बद्री गुप्ता पहली नगर पंचायत अध्यक्ष बनीं।अब 5 सालों के बाद एक बार फिर चुनाव होने वाले हैं।
2017 में पहली बार रानीगंज नगर पंचायत में हुए चुनाव में पहली बार के अध्यक्ष बनी थी मीरा गुप्ता भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थी। 35 वोटो के अन्तराल से जीत दर्ज की थी दूसरे नंबर पर रही बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी आयशा पत्नी मतलूब अली तो तीसरे पर रही समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी स्व.नीलम यादव जो लगभग 70 वोटो से पीछे रही।
अब 2022 में होने जा रहे निकाय चुनाव में रानीगंज नगर पंचायत में दूसरी बार चुनाव होने जा रहे है जिसमे सभी उम्मीदवारों ने अपने अपने हिसाब से समीकरण बना के चुनाव मैदान में है। तालथोक रहे।
पोस्टर बैनर लगा कर जनता के बीच में अपनी लोकप्रियता बनाने में कोई भी मौका गवाना नही चाह रहे है। नगर की सभी चौराहा व सड़क के बगल लगे खंभे होर्डिंग बैनर से पटेपड़े है।
रानीगंज नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए तीन प्रमुख पार्टियों के साथ कांग्रेस एआईएमआईएम आप व निर्दल भी दाव खेल समीकरण बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे।
भाजपा,सपा, बीएसपी, से टिकट के दावेदारों की लम्बी लिस्ट हैं वर्तमान चेयरमैन मीरा गुप्ता के साथ पूर्व प्रत्याशी नागेंद्र प्रजापति, जयेंद्र उपाध्याय, संजय मिश्र,भाजपा में टिकट के दावेदार है।
वही पूर्व में रनर पार्टी रही बहुजन समाज पार्टी में भी कई दावेदार है जिसमे पूर्व प्रत्यशी रही आयशा पत्नी मतलूब अली सब से मजबूत दावेदार माने जा रहे है। पूर्व प्रधान विनोद गुप्ता, बब्बू पांडेय एडवोकेट शामिल हैं।
समाजवादी पार्टी से भी बड़ी संख्या में चेयरमैन पद के टिकट के लिए दावेदारी की जा रही है जिसमे प्रमुख रूप से पूर्व में सपा की प्रत्याशी रही नीलम यादव के ससुर व पूर्व प्रधान राम आधार यादव, व पूर्व प्रमुख शिवगढ़ मोहम्मद शमीम सपा के वरिष्ठ नेता है सपा में मज़बूत पकड़ रखते है लोगो की माने तो मो शमीम मजबूत दावेदार है।
वही कांग्रेस से पूर्व प्रत्याशी रहे वाहिद अली पूर्व प्रधान रहे पुरेगोलिया ने भी सपा से आवेदन किया है सपा के मजबूत दावेदारों में से एक माने जा रहे है। वाहिद अली,धीरज यादव सपा में मज़बूत पकड़ रखते है युवाओं में लोकप्रिय है। टिकट के रेस में आगे है। अशोक मौर्य एडवोकेट व पूर्व प्रत्याशी सुधीर श्रीवास्तव भी दावेदार है।
छोटी व निर्दल उम्मीदवार होने वाले निकाय चुनाव में प्रमुख पार्टियों की नीद उड़ा सकते है। एआईएमआईएम ने भी अपना प्रत्यशी मैदान में उतार दिया है कारी कय्यूम को
आम आदमी पार्टी ने भी अजय यादव को अपना कैंडिडेट बनाया है।
क्या कहती है क्षेत्र की जनता व समीकरण
वही अगर जनता को माने तो सपा का उम्मीदवार ज्यादा मजबूत रहेगा क्यों सपा का विधायक है। 2022 में हुए विधानसभा के चुनाव में रानीगंज विधानसभा में सपा के उम्मीदवार रहे डॉक्टर आर के वर्मा ने भाजपा उम्मीदवार धीरज ओझा को हरा कर जीत दर्ज की थी। इस विधानसभा में 3 नगर पंचायत है। रानीगंज, पृथ्वीगंज, सुवांसा अब सपा के विधायक के सामने कड़ी चुनौती होगी।रानीगंज नगर पंचायत में दूसरी तो सवंसा व पृथ्वीगंज में पहली बार होगे निकाय चुनाव
2017 के निकाय चुनाव में पहली बार हुए निकाय चुनाव में भाजपा ने ये सीट जीतने में कामयाब रही क्यों की रानीगंज विधानसभा से भाजपा के विधायक थे। इस नजरिए से लोगो का मानना है की रानीगंज नगर पंचायत सहित सवांसा व पृथ्वीगंज भी समाजवादी पार्टी ज्यादा मजबूत दिख रही है।
हालांकि देखना होगा रानीगंज नगर पंचायत क्षेत्र की जनता क्या फैसला लेती है?
क्षेत्र की बागडोर एक बार फिर भाजपा के हाथों में ही रहता है या फिर रानीगंज बदलाव की राह पर चलता है?
विधानसभा चुनाव के नतीजे जो भी रहे हों। नगर पंचायत चुनाव के अपने मुद्दे होते हैं। अपने समीकरण होते हैं। चुनाव की रणनीतियां अलग होती है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कौन क्या दांव चलता है और किसके समीकरण कारगर साबित होते हैं?