यूपी में निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण देने के लिए आयोग का हुआ गठन। आयोग में अध्यक्ष के साथ चार सदस्यों को भी रखा गया है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश को अध्यक्ष,आयोग में दो पूर्व आईएएस और दो न्यायिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को सदस्य बनाया गया है।
सीएम योगी ने हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद ही आयोग का गठन करने और ओबीसी को आरक्षण देने के बाद ही चुनाव कराने की घोषणा की थी। जिसके बाद आयोग के गठन से पहले योगी सरकार ने बुधवार को कैबिनेट बोईसर्कुलेशन से मंजूरी दी थी। इसके बाद नगर विकास विभाग ने इस पर अधिसूचना भी जारी की।
आयोग में सेवानिवृत्त न्यायाधीश राम अवतार सिंह अध्यक्ष है। सेवानिवृत्त आईएएस चोब सिंह वर्मा, पूर्व आईएएस महेंद्र कुमार, पूर्व अपर विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और पूर्व अपर विधि परामर्शी व अप जिला जज ब्रजेश कुमार सोनी को सदस्य बनाया गया है।
हाईकोर्ट के फैसले पर मंगलवार देर शाम सीएम योगी सरकार ने अधिकारियों के साथ बैठ कर हाइकोर्ट के आदेश पर बारीकी से उस पर बात करने के बाद सीएम ने सभी अधिकारियों जानकारी से विचार विमर्श करने के बाद फैसला लिया कि हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सरकार अपील करेगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि आयोग बनाकर ओबीसी को आरक्षण दिया जाएगा उसके बाद ही निकाय चुनाव होगा जबकि हाईकोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण ही तत्काल चुनाव कराने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है की वर्तमान निकाय चुनाव खत्म होने के पहले निकाय चुनाव करा ले।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार नगरीय निकाय चुनाव आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण की सुविधा देगी। तभी चुनाव कराए जाएंगे और अगर जरूरी हुआ तो राज्य सरकार हाईकोर्ट फैसले में कानूनी पहलुओं पर विचार कर सुप्रीम कोर्ट में अपील भी करेगी।