यूपी में निकाय चुनावों को लेकर बहस का दौर तेज हो चुका है। ओबीसी आरक्षण को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर आरोप लगा रहे है तो वहीं सरकार ने ओबीसी को भरोसे में लेने के लिए कई कदम उठा रही हैं। ओबीसी को आरक्षण का लाभ देने और ट्रिपल टेस्ट के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन भी कर दिया गया है।
आयोग के अध्यक्ष बनाए गए सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह ने कहा कि सरकार ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए 6 महीने का समय दिया है। इस दौरान सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसमें कितने दिन लगेंगे इस सवाल पर उनका कहना है कि अधिकारियों के साथ बात की जाएगी और पूरा कार्य समय के पहले करा लिया जाएगा जिससे पूरी प्लानिंग के तहत सरकार द्वारा दिए गए समय में रिपोर्ट सौंपने दी जाए
ऐसे में अब जानकारों की माने तो अगर ओबीसी को ट्रिपल टेस्ट के अनुसार आरक्षण देने के बाद चुनाव होंगे तो निकाय चुनाव में छह महीने से ज्यादा समय लग सकता है। न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह के साथ ही आयोग के चार सदस्य बनाए गए हैं। इनमें सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा और महेंद्र कुमार, पूर्व अपर विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और बृजेश कुमार सोनी शामिल हैं।
वही यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पहुंच चुकी है।
स्थानीय निकाय चुनाव मामला। HC के फैसले के खिलाफ यूपी सरकार SC पहुंची। HC ने बिना ओबीसी आरक्षण दिए चुनाव के लिए कहा था। HC ने जनवरी में ही चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के लिए भी कहा था। यूपी सरकार ने आदेश पर रोक की मांग की। 2 जनवरी को SC खुलने पर हो सकती है सुनवाई।