रमजान का पहला रोजा बड़ों के साथ-साथ मासूम बच्चों ने भी रखा। कई बच्चों की जिंदगी का यह पहला रोजा था। बच्चों ने अल्लाह और उसके रसूल की रजा हासिल करने के लिए भूख और प्यास की शिद्दत बर्दाश्त कर देश का अमन-शांति की दुआ की।
प्रतापगढ़। रमजान माह का पहला रोजा बड़ों के साथ साथ मासूम बच्चों ने भी रखा। बच्चों के जिन्दगी का यह पहला रोजा है। तेज धूप की परवाह किए बिना नन्हे मुन्ने बच्चों ने भी पूरा दिन रोजा रखा। अल्लाह और उसके रसूल की रजा हासिल करने के लिए भूख और प्यास की शिद्दत बर्दाश्त की।
प्रतापगढ़ के रानीगंज कस्बा के वार्ड 10 के रहने वाली नायरा रुस्तम 6 वर्ष रविवार को सुबह सेहरी कर पूरा दिन खुशी से रोज़ा रखी बेटी के पहले रोजे पर घर में खास अफ़्तारी तैयार किए गए।शाम को परिवार के साथ अफ्तार कर नमाज अदा कर खुशहाली के लिए दुआ मांगी मुहल्ला पूरे गोलियां के मोहम्मद अली 4 वर्ष,आतिफ 6 वर्ष तश्फिया 9 वर्ष ने पहला रोजा रखा। पिछले कई दिन से रमजानुल मुबारक के महीने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। रोजा रखने के साथ साथ सभी ने मस्जिद जाकर अपने वालिद के साथ नमाज भी अदा की।
इकरा बनो 9वर्ष कोटिया ही थाना दिलीपपुर ने अपना पहला रोज़ा रखा वही मान्धाता थाना क्षेत्र के मो. अलीशान 7वर्ष मोहम्मद अरशान 8 वर्ष बुकनापुर हैंसी परजी ने अपना रोजा रखा रात में खुद से उठ कर शहरी कर परिवार वालों के मना करने के बाद भी पूरा दिन रोज़ा रखा मान्धाता जहानपुर के मो शरिक 10 वर्ष ने अपना पहला रोज़ा रखा और आगे भी रखने का इरादा बनाया है
मुंबई तलोजा फेस 1 में रहने वाले जारा आरिफ खान 5 वर्ष ने मुंबई की गर्मी में अपना पहला रोज़ा अपने अम्मी अबू के साथ रखा साथ में पूरे 5 वक्त की नमाज भी अदा कर दुआ मांगी मिर्जापुर चौहारी की मरियम फातिमा 7 वर्ष अपना पहला रोज़ा रखा
थाहीपुर की 6 साल की सुमैया बानो ने रोजा रखा, थारिया धनुआ के मो जार खान 8वर्ष ने अपना पहला रोज़ा रखा दयालपुर के मोहम्मद हस्सान 7 वर्ष ने पूरा दिन भूख प्यास बर्दास्त कर रोजा रखा खुदा की खुशनूदी हासिल करने के लिए भीषण गर्मी में भूख और प्यास को बर्दाश्त किया।
बच्चों के पहला रोजा रखने पर घर में खुशी का माहौल रहा। बच्चों के पहले रोजे पर घर में खास पकवान तैयार किए गए।मुंबई मुंब्रा की समरा शादाब 5 वर्ष ने खुदा और उसके रसूल की खुशी के लिए अपनी जिन्दगी का पहला रोजा रखा।
इनके अलावा भी शहर में ऐसे बहुत बच्चे हैं, जिन्होंने जिंदगी का पहला रोजा रखा और दिनभर इबादत भी की। जिसकी जानकारी हम तक नहीं आई ये बच्चे नमाज पढ़ने के साथ ही कुरआन की तिलावत करते रहे। शाम को रोजा इफ्तार के दौरान अपने मनपसंद के लजीज खाने का मजा लिया। सभी के अम्मी अब्बू और परिवार ने भी बच्चों की पसंद का पूरा ख्याल रखा












